यूपी/सुल्तानपुर-अब सरकारी महकमे की खबरों को नही छापेंगे अख़बार,सीएम के कार्यक्रम में पास के मुद्दे पर पत्रकार संगठन ने लिया फैसला,फेसबुक पर की गई टिप्पणी पर कार्यवाही के लिए तैयारी

फेसबुक पर हुआ कमेंट-डीएम सी.इंदुमती की सराहना करता हूं जो इन्होंने सीएम की कवरेज के लिये झोलाछाप पत्रकारों को पास नही दिया।इसको वायरल करने व पास न देने समेत दोनो मामलो में प्रशासन की कही न कही

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*जिले के सैकड़ो पत्रकारों ने दिखाई एकजुटता,प्रेसक्लब में हुई हंगामेदार बैठक* –

विशेष कवरेज में मीडिया पास न मिलने व फेसबुक पर किये गए कमेंट का मामला।

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(जिला सहायक सूचना अधिकारी पत्रकारों को संबोधित करते हुए)

सुल्तानपुर।जिले के सैकड़ो पत्रकारों ने प्रेस क्लब में हंगामेदार बैठक हुई।जिसमें जिला व पुलिस प्रशासन समेत सोशल मीडिया पर पत्रकारों के खिलाफ किये गए कमेंट का मुद्दा छाया रहा। पत्रकारों ने कई मुद्दों पर सहमति जताते हुए विरोध करने व अदालत में मानहानि ठोंकने पर मोहर लगा दी हैं।जिसको लेकर सरकारी महकमो में हड़कम्प मच गया हैं। मामला बीते मंगलवार को जिले में पुलिस प्रशिक्षण केंद्र उदघाटन करने सीएम योगी आदित्यनाथ आये थे।जिसकी कवरेज में तीन फोटोग्राफर व एक पत्रकार के साथ ही 29 न्यूज चैनलों का पास बनाया गया।जबकि जिले स्थापित दो दर्जन अखबारों जिला प्रतिनिधियों व मान्यता व गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों को वंचित कर दिया गया।न्यूज कवरेज के लिये वहां तक जाने दिया गया।

 (सूचना अधिकारी ने दी जानकारी, हमने नही बनाया पास,देखे पूरी वीडियो )

ऐसा वाकया पहली बार सुल्तानपुर में घटित हुआ।इसके इतर सोशल मीडिया के फेसबुक पर यह कहना कि डीएम सी.इंदुमती की सराहना करता हूं जो इन्होंने सीएम की कवरेज के लिये झोलाछाप पत्रकारों को पास नही दिया।इसको वायरल करने व पास न देने समेत दोनो मामलो में प्रशासन की कही न कही मिलीभगत जरूर है।हिलहाल इन मुद्दों के एक आवाहन पर सैकड़ो पत्रकार प्रेस क्लब पहुंच गए।बैठक में हिंदुस्तान के पत्रकार नरेंद्र द्विवेदी ने कहा कि मीडिया पास के साथ ही फेसबुक पर हुई टिप्पणी की निंदा करता हूं।सरकारी विज्ञप्ति को हम सब परीक्षण के बाद ही प्रकाशित किया जाय।दूसरे तौर पर यह कहा जाय कि विज्ञप्तियों पर ध्यान देने की जरूरत नही है।साजिशन मीडिया पास जिला प्रशासन ने नही दिया इसकी जांच होनी चाहिये। पायनियर पत्रकार विनोद पाठक ने कहा कि उस पत्रकार ने सोशल मीडिया यानी फेसबुक पर डीएम का नाम लेते हुए पत्रकारों के खिलाफ सभी एक जुट हो अदालत में मानहानि का मुकदमा उसके व अखबार के मुखिया के खिलाफ जरूर दायर किया जाय।पत्रकार राकेश तिवारी ने कहा कि डीआईओ को बुलाया जाय,सभी ने सहमति जताई और डीआईओ महेंद्र कुमार प्रेसक्लब पहुंच गए।निंदा पत्र भेजा जाना चाहिये।जिला अध्यक्ष डॉ अवधेश शुक्ल ने कहा कि फेसबुक पर कमेंट क्षम्य नही है।जिला प्रशासन की भूमिका पत्रकारों के खिलाफ है।अशोक मिश्र ने कहा कि अब सभी को एकजुटता के साथ अपनी ताकत का एहसास कराना होगा।सरकारी महकमो के प्रेसवार्ता व सरकारी विज्ञप्तियों का बहिष्कार किया जाय।वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनुराग द्विवेदी ने कहा कि फेसबुक पर पत्रकारों के खिलाफ कमेंट करने वाला छोटी मानसिकता है उसे अदालत के जरिये सबक सिखाना होगा।पहली बार मीडिया की स्वतंत्रता पर जिला प्रशासन ने अंकुश लगाया हैं ऐसे में बहिष्कार होना चाहिये।पत्रकार पंकज पांडेय ने कहा कि यदि अफसरों की बातों पर विश्वास किया जाय तो प्रिंट मीडिया का पत्रकार बिना मीडिया पास के कैसे पहुंच गए इस पर भी कानूनी कार्यवाही होनी चाहिये,ड्यूटी में प्रवेश द्वार पर मुश्तैद एसडीएम लंभुआ विधेश व दरोगा डीपी शुक्ल ने कैसे घुसने दिया।अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पत्रकार व उपजा के संरक्षक मनोराम पांडेय ने किया।उन्होंने कहा कि मीडिया पास न देने में एडीएम व डीआईओ,पुलिस महकमे की भी भूमिका हैं। विजय विद्रोही ने कहा कि डीएम ने प्रेसवार्ता कर मीडिया पास बनेगा इसकी जानकारी दी थी।पहली बार अधिकृत पत्र अखबार के सम्पादक की ओर से होने बाद भी परिचय पत्र मांगा गया जो गलत रहा।बैठक में कई पत्रकारों ने सम्बोधित किया और आक्रोश जताया।बैठक में अंत मे सभी के विचारों को सुनने के बाद निर्णय हुआ कि फेसबुक पर किये गए कमेंट पर एसपी व स्थानीय थाने पर तहरीर दी जाएगी।इसके बाद अदालत में मानहानि का मुकदमा दायर किया जाएगा।सरकारी महकमो की ओर से प्रेसवार्ता की सूचना मिलने पर चल कर बहिष्कार किया जाएगा।सरकारी विज्ञप्तियों को खबर के रूप में नही परोसा जाएगा।पत्रकार स्वयं कवरेज करेंगे।