यूपी-सुलतानपुर/-के.डी न्यूज़ पर बड़ी बेबाक़ी से DM सी इंदुमती ने गोवंश आश्रय स्थलों पर दिया जबाब,देखे पूरी रिपोर्ट

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यूपी-सुलतानपुर/-के.डी न्यूज़ पर बड़ी बेबाक़ी से DM सी इंदुमती ने गोवंश आश्रय स्थलों पर दिया जबाब,देखे पूरी रिपोर्ट

गोवंश आश्रय स्थलों पर गोवंश संरक्षण में किसी प्रकार की शिथिलता क्षम्य नही होगी- जिलाधिकारी।

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सुलतानपुर 15 जुलाई/ जिलाधिकारी सी0 इन्दुमती की अध्यक्षता में गोवंश आश्रय स्थल एवं संरक्षण सम्बन्धी बैठक कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आज आयोजित की गयी। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों के साथ-साथ ग्राम प्रधान/ग्राम सचिवों को कड़े निर्देश दिये कि गोवंश आश्रय स्थल पर गोवंशों के संरक्षण में कोई कमी न रखी जाये तथा निर्माणाधीन गोवंश आश्रय स्थल के अपूर्ण कार्यों को यथाशीघ्र पूर्ण कराये जायें। इसमें किसी प्रकार की शिथिलता/लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जायेगी, बल्कि सम्बन्धित के विरूद्ध कार्यवाही भी की जायेगी, जिसके लिये वह स्वयं जिम्मेदार होंगे।


जिलाधिकारी ने बैठक में अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत परिषद को निर्देशित किया कि नगर क्षेत्रों में जो भी गोवंश इधर-उधर तथा सड़कों पर घूम रहे हैं, उन्हें पकड़ कर गोवंश आश्रय स्थलों में यथाशीघ्र व्यवस्थित किये जायें। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि गोवंश स्थलों पर गोवंशों हेतु पर्याप्त भूषा, चारा, पानी व छाया, टीकाकरण तथा साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए वृक्षारोपण भी कराये जायें। उन्होंने बैठक में उपस्थित मुख्य पशु चिकित्साधिकारी व खण्ड विकास अधिकारियों/पशु चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया कि ग्रामीण क्षेत्रों में गोवंश आश्रय स्थलों पर गोवंशों हेतु चारा, पानी के साथ-साथ छाया, टीकाकरण एवं बीमार गोवंशों के उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये तथा ग्रामीण क्षेत्रों में निराश्रित गोवंशों को आश्रय स्थल में व्यवस्थित करें।
बैठक में डीएम ने कहा कि गोवंश आश्रय स्थल पर गोबर, मलमूत्र आदि एकत्रित हो रहा है, उसे समुचित स्थानों पर व्यस्थित करते हुए साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिये जायें। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में गोवंश आश्रय स्थलों की देख-रेख व साफ-सफाई की जिम्मेदारी सर्वप्रथम ग्राम प्रधान/ग्राम सचिव की है। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि गोवंश आश्रय स्थलों पर सोलर वाटर पम्प एवं सोलर लाइट लगाये जायें।
जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि प्रत्यके गोवंश आश्रय स्थल पर गोवंशों की जीओ टैगिंग की जाये तथा गोवंशों की उम्र एवं उनके हालातों के विषय रिकार्ड रखा जाये। गोवंशों की मृत्यु क्यों और किस कारण होती है इसका भी स्पष्ट रूप से रजिस्टर में अंकित होना चाहिये। चारा-पानी से गोवंश नहीं मर रहे हैं। गोवंश आश्रय स्थलों पर कीचड़ गन्दगी आदि होने के कारण गोवंश संक्रमित हो जाते हैं, जिससे इनकी मृत्यु हो रही है। पशु चिकित्साधिकारी द्वारा नियमित रूप से बीमार गोवंशों का उपचार तथा टीकाकरण व दवाओं आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये।
उन्होंने कहा कि गोवंश आश्रय स्थलों पर ईट बिछवा कर बालू डाला जाये, ताकि कीचड़ से गोवंशों को बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि गोवंशों आश्रय स्थलों पर मेल/फीमेल गोवंशों को अलग-अलग रखने के लिये पार्टीशन किये जायें तथा पर्याप्त तशलों की व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए उसमें अलग-अलग गोवंशों को चारा-पानी खिलाया जाये। उन्होंने ग्राम प्रधान/ग्राम सचिव को निर्देशित किया कि गोवंश आश्रय स्थल के बाउण्ड्री के किनारे एवं उपयुक्त स्थान पर वृक्षारोपण अवश्य करायें।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी मधुसूदन हुल्गी, उप जिलाधिकारी कादीपुर जयकरन, परियोजना निदेशक(डीआरडीए) एस0के0 द्विवेदी, डीसी(मनरेगा) विनय कुमार, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डाॅ0 रमा शंकर सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी आर0बी0 सिंह, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत उदय शंकर सिंह, जिला बचत अधिकारी/खण्ड विकास अधिकारी, तहसीलदार लम्भुआ जीतेन्द्र गौतम, समस्त खण्ड विकास अधिकारी/पशु चिकित्साधिकारी, अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका परिषद रवीन्द्र कुमार व अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे।