अयोध्या-शासन व प्रशासन की लापरवाही के चलते शारदा नहर के कटने से 8 गांव डूबने की कगार पर है गांव की हालत बद से बदतर 

0 233

- Advertisement -

शासन व प्रशासन की लापरवाही के चलते शारदा नहर के कटने से 8 गांव डूबने की कगार पर है गांव की हालत बद से बदतर 

रिपोर्ट मनोज तिवारी अयोध्या 

- Advertisement -

31 जुलाई 2019

शासन व प्रशासन की लापरवाही के चलते शारदा नहर के कटने से 8 गांव डूबने की कगार पर हैं गांव की हालत बद से बदतर हो गई है रहने खाने-पीने सोने की पूरी व्यवस्था चरमरा गई है 3 दिनों से 10 से 12 साल के बच्चे दुकान पर की जलेबी और समोसा खा कर रात गुजारने को मजबूर हैं अभी तक शासन और प्रशासन का कोई प्रशासनिक अधिकारी इस गांव की सुध लेने नहीं आया है लाखों  रुपयों की लागत से तैयार लगाई गई धान की फसल बाढ़ की चपेट में बर्बाद हो गई जहां से नहर कटी है उस नाहर को बांधने में कुछ सामाजिक संस्थाएं और गांव के लोग मिलकर मिट्टी बालू और बांस का पौधा बल्ली पटरा लगाकर बांधने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन सफलता हाथ नहीं लग रही है

जी हाँ हम बात कर रहे हैं जनपद मुख्यालय से सटे उन दर्जनों गाँवों की जो 28 जुलाई को आधी रात को हुई  शारदा नहर नहर के कटान के बाद पूरी तरह जलमग्न हो गये हैं । हमारी टीम ने जब गोपाल पुर बिछिया पहुँची तो लोगों का प्रशासन के प्रति आक्रोश फूट पड़ा। ग्रामीणों का कहना है कि 28 तारीख की रात से नहर कटी हुई है परन्तु शासन प्रशासन इसको लेकर संवेदनहीन है जिसके कारण अभी तक इस कटान को रोका नहीं जा सका है। कहने को तो कल से अब तक जिलाधिकारी सहित तमाम अधिकारी यहाँ आ चुके हैं परन्तु सिर्फ आश्वासन देकर चले गये । न तो नहर की कटान को रोकने के लिये कोई उचित कदम उठा रहे हैं और न ही पानी में डूबे हुये गाँवों में राहत सामग्री ही पहुँचा रहे हैं। कल शाम को प्रशासन द्वारा खाने का डिब्बा कुछ लोगों को दिया गया था पर वह भी बासी और चींटी लगा हुआ था तब से अब तक कुछ भी नहीं दिया गया है पूरा गांव भूखा है।नहर की कटान को रोकने के लिये शासन की ओर से कुछ मनरेगा के मजदूर और कुछ समाजसेवी संस्था ही काम कर रहीं हैं । ग्रामीणों कने बताया कि यह काम भी आज सुबह जब ग्रामीणों के आन्दोलित होने के बाद शुरु कराया गया । ग्रामीणों का कहना है कि इतनी बड़ी आपदा आने के बाद भी न तो क्षेत्रीय विधायक शोभा सिंह चौहान ही अब तक यहाँ आयीं और न ही जनपद का कोई भी नेता उनकी स्थिति परस्थिति जानने के लिये नहीं आया।

आपको बताते चलें कि अब तक दर्जनों गाँवों पूरी तरह से जल मग्न हो चुके हैं और सैकड़ो हेक्टेयर फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं और जल्द कटान न रोकी गई तो आस पास के सैकड़ो गाँवों में पानी भर जायेगा ।