अयोध्या-ग्राम पंचायत सदस्यों व ग्रामीणों द्वारा पट्टा आवंटन में ग्राम प्रधान व लेखपाल पर बड़े फर्जीवाड़े का आरोप की जांच में पहुंचे SDM ने किया स्थलीय निरीक्षण

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अयोध्या-ग्राम पंचायत सदस्यों व ग्रामीणों द्वारा पट्टा आवंटन में ग्राम प्रधान व लेखपाल पर बड़े फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुऐ मामले की उच्चाधिकारियों से की गई शिकायत पर सोमवार को उपजिलाधिकारी ने स्थलीय निरीक्षण किया-शिकायत


प्राप्त जानकारी के अनुसार बीकापुर तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत सोनवर्षा मुसलमीन के ग्राम प्रधान व लेखपाल द्वारा लगभग डेढ़ दर्जन लोगों को आवासीय पट्टा दिया गया था।तथा राजस्व टीम द्वारा आवंटित पट्टे के रकबे की पैमाइश कर पट्टेदारों को कब्जा भी करवा दिया गया था ।कब्जा मिलते ही पट्टेदारों ने आनन फानन में निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया था।मामले की जानकारी होने पर कुछ ग्राम पंचायत सदस्य एवं ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान व लेखपाल पर अपने चहेतों से रुपया लेकर अपात्रों को भी अबैध रुप से पट्टा देने का आरोप लगाते हुऐ जिलाधिकारी एव मंडलायुक्त अयोध्या से मामले की शिकायत कर न्याय की मांग की थी। जिलाधिकारी के आदेश पर तहसीलदार बीकापुर द्वारा पट्टेदारों की पात्रता की जांच की गई थी।जिसमें तहसीलदार द्वारा एक पट्टेदार अपात्र घोषित कर दिया गया था।

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तहसीलदार की जांच के बाद ग्राम पंचायत के 11सदस्यों में से पूनम , हेमलता,  रीता देवी,  दुखी ,विकास कुमार कसौधन,विकास यादव,ज्ञान चन्द्र,राजकुमार,व प्रेम कुमारी सहित आधा दर्जन से अधिक सदस्यों सहित दर्जन भर ग्रामीण शनिवार की देर शाम पूर्व प्रधान व व्यापार मंडल अध्यक्ष प्रेमचंद कसौधन के आवास पर एकत्रित होकर तहसीलदार द्वारा की गई जांच/कार्यवाही से असंतुष्टि जाहिर करते हुऐ ग्राम प्रधान व लेखपाल पर एक और बड़े फर्जीवाड़े का आरोप लगाया था।

उपस्थित ग्राम पंचायत सदस्यों व ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि ग्राम प्रधान द्वारा पट्टा आवंटन के लिए खुली बैठक किये बिना ही प्रस्ताव पास कर दिया गया था जिस पर ग्राम पंचायत सदस्यों के बनाये गये फर्जी हैं।फर्जी हस्ताक्षर बनाकर अपने चहेतों से अबैध वसूली कर अपात्रों को पट्टा दे दिया गया है।

उक्त लोगों का कहना था कि वर्तमान प्रधान द्वारा पिछले वर्ष जो आवासीय पट्टा आवंटन का प्रस्ताव उपजिलाधिकारी बीकापुर के समक्ष पस्तुत किया गया है उसमे किया गया हस्ताक्षर मेरा नही हैं। फर्जी हस्ताक्षर की उच्चस्तरीय जांच कराकर फर्जीवाड़े में शामिल सभी दोषियों के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही करते हुए अपात्रों को दिये गये पट्टे को खारिज कर नए प्रस्ताव के साथ पात्र लोगों को पट्टा दिये  जाने की मांग की।

उक्त लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि  एक ही घर के दो लोगों को अवैध रूप से  पट्टा दिया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पूर्व प्रधान/व्यापार मंडल अध्यक्ष ने सदस्यों एवं ग्रामीणों को साथ लेकर मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से करते हुऐ फर्जीवाड़े की जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करवाने का आश्वासन दिया।

जबकि दूसरी तरफ ग्राम प्रधान प्रतिनिधि सुरेश पासवान का कहना है कि प्रस्ताव में जो भी हस्ताक्षर किए गए हैं वह असली है अब किसके दबाव में आकर सभी सदस्य अलग हस्ताक्षर क्यों कर रहे हैं इसकी जानकारी मुझे नहीं है।

वहीं सोमवार को राजस्व टीम के साथ मामले की जांच करने पहुंचे उपजिलाधिकारी बीकापुर लव कुमार सिंह ने बताया कि करीब आधा दर्जन पट्टेदारों के घर जाकर गहनता से जांच की गई। पट्टेदारों को विवाद खत्म होने तक निर्माण रोकने तथा दूसरी ग्राम सभाओं के निवासियों की गंभीरता से जांच करने का निर्देश हल्का लेखपाल को दिया गया है। पट्टे के रकबे के बीच बने ग्राम पंचायत सचिवालय के बारे में पूछे जाने पर एसडीएम बीकापुर ने कहा कि उक्त  सचिवालय हमारे किसी दस्तावेज में अंकित नहीं है।