अयोध्या-धार्मिक नगरी अयोध्या में बने 2 दर्जन से अधिक सुलभ शौचालय  की स्थिति खराब 

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धार्मिक नगरी अयोध्या में बने 2 दर्जन से अधिक सुलभ शौचालय  की स्थिति खराब 

मनोज तिवारी अयोध्या  

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24 जून 2019 

धार्मिक नगरी अयोध्या में बने दो दर्जन से अधिक सुलभ शौचालयों की स्थित इतनी खराब है कि उनमें मल मूत्र त्याग करने कोई भी नागरिक अथवा यात्री अंदर जा ही नहीं सकता कारण यह है की अधिकांश सुलभ शौचालय में बाहर से आए हुए सफाई कर्मियों ने अपना कब्जा जमा रखा है कुछ सरल शौचालयों पर स्थानीय लोगों ने अपना अवैध कब्जा कर रखा है जिसके कारण किसी भी यात्री या नागरिक कोष में शौच करने के लिए जाने की अनुमति नहीं मिलती है कुछ शौचालयों में टैंक बैठा हुआ है दरवाजे खिड़कियां टूटी बिजली पानी का अभाव है यहां तक कि बाहर बने मूत्रालय ओं में भी जिंदगी का अंबार लगा हुआ है दरवाजे टूटे हुए हैं, साथ ही झाड़ी – झंखाड़ अगल-बगल लगे हैं । मत्तगजेंद्र चौराहे पर बना हुआ यह सुलभ शौचालय अखिल भारतीय रचनात्मक कार्य संस्थान नामक संस्था द्वारा लगभग 20 साल पहले बनाया गया था जो पिछले 5 वर्षों से पूरी तरह से अव्यवस्था का शिकार है इसमें टैंक टूटा हुआ है। दरवाजे सड़ चुके हैं बिजली और पानी का पूरी तरह से अभाव है कई बार तत्कालीन नगर पालिका अयोध्या के अध्यक्षों व अधिशासी अधिकारियों से इसके बारे में शिकायत की गई ।यहां तक कि पूर्व अधिशासी अधिकारी सुश्रीपूजा त्रिपाठी ने दो बार इस सुलभ शौचालय का स्वयं निरीक्षण किया । उन्होंने इसे फिर से बनवाने की योजना भी बनाई लेकिन तब तक नगर निगम घोषित हो जाने के कारण यह योजना खटाई में पड़ गई आज स्थिति यह है कि इसके अंदर स्थानीय लोग या कोई यात्री शौच करने नहीं जा पाता। यहां बना हुआ मूत्रालय वाले भी आप स्वयं देख सकते हैं कि कितनी खराब स्थिति में है। इस चौराहे पर दूर-दूर तक कहीं कोई और सुलभ शौचालय नहीं है । यह छोटी देवकाली वार्ड नंबर 15 में आता है अनुज दास यहां के पार्षद हैं जो भाजपा के ही हैं। छोटी देवकाली वार्ड में दो अन्य सुलभ शौचालय छोटी देवकाली मंदिर के अगल – बगल स्थित हैं । वह भी पूरी तरह से अव्यवस्था के शिकार हैं। इसके अलावा मधुसूदन विद्या मंदिर में राज्यसभा सदस्य रहे विनय कटियार कि सांसद निधि से बने शौचालय का उपयोग केवल विद्यालय के छात्र-छात्राएं व स्टाफ के लोग ही कर सकते हैं बाकी लोगों के लिए वहां जाने की परमिशन नहीं है। इस पूरे वार्ड में इन तीन सुलभ शौचालयों के अलावा अन्य कोई सुलभ शौचालय नहीं है । नगर के अन्य सुलभ शौचालयों की दुर्दशा को ठीक कराने की मांग के साथ साथ इन शौचालयों की भी दशा सुधारने का अनुरोध पिछले 5 वर्षों से नगर पालिका अयोध्या व नगर निगम अयोध्या के अधिकारियों के अतिरिक्त अयोध्या में होने वाले मेलों के संबंध में होने वाली सभी बैठकों में मेरे द्वारा जिलाधिकारी के सामने बराबर उठाई जाती रही है लेकिन सभी ने आंख कान बंद कर रखे हैं । अभी तक नगर के डेढ़ दर्जन से अधिक खराब सुलभ शौचालयों को ठीक कराने या दबंगों के कब्जे से मुक्त कराने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है जिसका परिणाम है कि स्थानीय नागरिक और मेलार्थी खुली जगहों और नालियों में मल मूत्र त्याग करते हैं।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से निवेदन करता हूं यदि आपको अयोध्या वास्तव में साफ सफाई रखनी है तो अयोध्या में स्थित सुलभ शौचालयों की दशा सुधारने जरूरी होगी। सावन झूला मेला आने वाला है लाखों यात्री उसमें मेले में आते हैं। मेला मेला शुरू होने के पहले यदि सुलभ शौचालयों की दशा सुधार दी जाए तो स्थानीय नागरिकों के साथ मेलार्थियों को भी सुविधा मिलेगी अन्यथा अयोध्या नगरी के साथ सफाई होने का दावा खोखला साबित होता रहेगा और अयोध्या में गंदगी ही गंदगी का साम्राज्य बना रहेगा। अच्छा होगा नगर स्वास्थ्य मंत्री अयोध्या आएं तो उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में स्थित सुलभ शौचालयों का निरीक्षण स्थानीय नागरिकों के साथ करना चाहिए ।  भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी नौजवान सभा और महिला फेडरेशन = अयोध्या में स्थित सुलभ शौचालयों की दशा सुधारने के लिए लड़ाई लड़ती रही है, आने वाले दिनों में भी योजनाबद्ध ढंग से इसकी लड़ाई लड़ी जाएगी।