Barabanki- नेताओं को गांव में प्रवेश न करने की दी चेतावनी,बुनियादी जरूरतों से जूझ रहे ग्रामीणों का टूटा सब्र, लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का किया ऐलान,
Barabanki Story- बुनियादी जरूरतों से जूझ रहे ग्रामीणों का टूटा सब्र, लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का किया ऐलान, नेताओं को गांव में प्रवेश न करने की दी चेतावनी
एंकर- जैसे-जैसे चुनाव की तारीखें सामने आ रही हैं, वैसे ही सभी पार्टियों के प्रत्याशी और नेता अपने-अपने वोट बैंक बढ़ाने के लिए योजनाओं के नाम पर लोगों को लुभा रहे हैं। लेकिन सच तो यह है कि आजादी के इतने साल बीच जाने के बाद भी जिले का एक ग्राम पंचायत के कई गांव ऐसे हैं जहां लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। जिसके चलते इन गांव के लोगों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। लोगों का कहना है कि लम्बे अर्से से विकास के लिए मांग करते आ रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई, केवल आश्वासन ही मिलता है। लोगों का कहना है कि जब तक मूलभूत सुविधाएं मयस्सर नहीं होगी तब तक चुनाव में भागीदारी नहीं करेंगे। इसे लेकर ग्रामीण चुनाव बहिष्कार का बैनर लेकर विरोध प्रदर्शन भी कर रहे हैं। साथ ही ग्रामीणों ने नेताओं को चेतावनी भी दी है कि वह वोट मांगने के लिए गांव में न आ्एं. नहीं तो उनके साथ हुई किसी भी घटना के लिए हम जिम्मेदार नहीं होंगे।
वीओ- उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों की तैयारियां चरम पर हैं। चुनाव आयोग लोगों से शत-प्रतिशत मतदान करने की अपील कर रहा है। लेकिन इस बीच राजधानी से सटे जिले बाराबंकी जिले में बिशुनपुर ग्राम पंचायत के ककरहिया गांव में लोगों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया है। यह लोग गांव में शौचालय, नाली, आरसीसी रोड, नलकूप और बच्चों के लिए स्कूलों की उचित व्यवस्था न होने से बेहद नाराज हैं। ग्रामीणों ने इन समस्याओं का समाधान नहीं होने के चलते इस बार लोकसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करने का एलान कर किया है। साथ ही सभी दलों के नेताओं को चेतावनी दी है कि वह वोट मांगने गांव में न आएं, नहीं तो उनके साथ हुई किसी अनहोनी के लिए ग्रामीण जिम्मेदार नहीं होंगे। जिसके चलते सभी राजनीतिक दलों के साथ ही जिला प्रशासन के सामने भी मुश्किल खड़ी हो गई है।
वीओ- गांव के जसकरन यादव का कहना है मोदी जी ने हर घर में शौचालय बनाने के तो बड़े-बड़े दावे किए हैं, लेकिन मेरे गांव के एक घर में भी शौचालय नहीं बना है। पिछले पांच सालों में कोई भी काम हमारे गांव में नहीं हुआ है। इसीलिए हम लोग इस बार चुनाव का बहिष्कार करेंगे। वहीं महेंद्र कुमार ने बताया कि गांव में गरीबों के लिए न तो कॉलोनी है और न ही नलकूप, सड़कें और नालियां हैं। सरकार ने चुनाव में वादे तो बहुत किए थे, लेकिन पूरे एक भी नहीं हुए।
वीओ- सुकईराम की मानें तो पांच सालों से सिर्फ कागजों पर ही लिखापढ़ी होती रही, लोकिन गांव में कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ। इसलिए चुनाव प्रचार और वोट मांगने के लिए अगर किसी भी पार्टी का कोई भी नेता आएगा तो उसके साथ कुछ भी घटना हो सकती है, जिसके लिए गांव का कोई भी शख्स जिम्मेदार नहीं होगा। … का कहना है कि सरकारे अभियान तो बहुत चलाती हैं, लेकिन गांव में उसका कोई भी असर नहीं दिखा। पांच साल पहले लोकसभा चुनाव के दौरान विकास के वादे तो बहुत किए गए, लेकिन हुआ कुछ भी नहीं। जब तक गांव में बुनियादी जरूरतें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक हम लोग किसी भी पार्टी को वोट नहीं देंगे।
बाइट- जसकरन यादव, ग्रामीण
बाइट- महेंद्र कुमार, ग्रामीण
बाइट- नीरज कुमार, ग्रामीण
बाइट- सुकईराम, ग्रामीण
रिपोर्टर सैफ मुख्तार