जब जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर दिव्यांग पति पत्नी लगे फफक फफक कर रोने,एडीएम इ ने लिया मामले को संज्ञान, कराया निस्तारण।।

जमीन और आवास को बचाने की जद्दोजहद में अपनी पत्नी के साथ पहुंचा दिव्यांग, तीन महीने से थाने व अधिकारियों के लगा रहा है चक्कर।

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इस पूरे मामले पर एडीएम इ गौरव शुक्ल ने संज्ञान लेते हुए तहसीलदार को मौके पर भेज कर पीड़ित दिव्यांग के मामले का कराया निस्तारण।

 

सुलतानपुर- यह पीड़ित पैर से दिव्यांग अपने अपनी आँखों से ना देख पाने वाली पत्नी के साथ मिले दिव्यांग आवास को बनवाने और अपनी जमीन और बचाने की जद्दोजहद में अपनी पत्नी के साथ थाने से लेकर जिलाधिकारी के जनता दरबार तक दौड़ लगा रहा है।

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लेकिन पीड़ित का आरोप है कि शाशन प्रशासन हैं की इसकी सुन ही नही जा रही है।यह तो एक दिव्यांग परिवार की कहानी है तो आमजन को कितनी दौड़ लगानी होती होगी बस आप सोच ही सकते है।दरअसल यह मामला है दिव्यांग रामचन्दर सुत बरसाती ग्राम खड़सरा परगना अल्देमऊ तहसील जयसिंहपुर जनपद सुलतानपुर का जो अपनी सूरदास पत्नी को साथ लेकर सोमवार को लगभग एक बजे जिलाधिकारी कार्यालय पहुँचा, जहां अपनी फरियाद लगाई और अपनी आप बीती सुनाई,पीड़ित दिव्यांग का आरोप है कि गांव में उनके पड़ोसी जुलाई दस तारीख को उसकी पांच फीट की दीवाल तोड़ कर मेरी जमीन कब्जा करना चाहते हैं।पीड़ित द्वारा थाने पर शिकायत दी लेकिन सुनवाई नही हो रही हैं,पीड़ित तीन माह से इस चौखट से उस चौखट तक दौड़ लगा आखिरकार थकहार कर पीड़ित जिलाधिकारी के जनता दर्शन में यह सोच कर पहुँचा अगर उसको न्याय मिल जाय तो ठीक है नही तो आत्महत्या के अलावां और कोई सहारा नही है जिसकी जिम्मेदारी शासन एवं प्रशासन की होगी। बैरहाल जब पीड़ित पहुँचा तो समय ज्यादा हो जाने से जनता दर्शन का कार्यक्रम खत्म हो चुका था, पीड़ित ने कहा कि अपनी शिकायत वह जिलाधिकारी को देकर ही जायेगा।