सुलतानपुर-शहीद ‘बिस्मिल’ का टूटेगा एकांतवास, अशफाक-लाहिड़ी रोशन भी अब होंगे साथ।

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शहीद ‘बिस्मिल’ का टूटेगा एकांतवास, अशफाक-लाहिड़ी रोशन भी होंगे साथ।
 नई पीढ़ियों के लिए पत्थरों पर उकेरे जायेंगे शहीदों की बहादुरी के किस्से।

संतोष कुमार यादव
सुलतानपुर। ‘काकोरी काण्ड’ के शहीद राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ की प्रतिमा के साथ तीन और शहीदों की प्रतिमाएं स्थापित होंगी। इससे ढाई दशक पहले राम नरेश त्रिपाठी सभागार परिसर में स्थापित शहीद राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ का एकांतवास टूटेगा। अब उनके बगल उनके साथी शहीद अशफाक उल्ला खां, राजेंद्र नाथ ‘लाहिड़ी’ रोशन सिंह भी होंगे। देश के लिए कुर्बानी देने वालों शहीदों की स्मृतियों को जिंदा रखने व आने वाली पीढ़ियों के बीच शहीदों की स्मृतियां विस्मृत न होने पाए इसी उद्देश्य से 1980 में पहली मूर्ति शहीद चंद्रशेखर आजाद की लगाकर शुरुआत करने वाले प्रख्यात समाजसेवी व शहीद स्मारक सेवा समिति के अध्यक्ष करतार केशव यादव व उनकी टीम का सिलसिला अभी थमा नही है। जिले में सेवा कार्यों में अपनी एक अलहदा पहचान बनाने वाले करतार अभी रुके नही हैं। उनकी ख्वाहिश है कि मूर्ति स्थल पर नई पीढ़ियों के लिए पत्थरों पर शहीदों की बहादुरी के किस्से उकेरे जायें जिससे लोग प्रेरणा ले सकें। इसी कड़ी में शहीद स्मारक सेवा समिति अपने 39वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर ‘काकोरी काण्ड’ के नायकों में से एक अमर शहीद राजेन्द्र नाथ ‘लाहिड़ी’ के बलिदान दिवस 17 दिसम्बर को उनके साथियों की प्रतिमा की स्थापना के लिए भूमि पूजन करेगी। नगरपालिका ने समिति को राम नरेश त्रिपाठी सभागार में लगी शहीद राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ की प्रतिमा के अगल-बगल तीनों शहीदों की मूर्तियां लगाये जाने हेतु स्वीकृति इस शर्त के साथ दी है कि उक्त सभागार स्थल के मूल स्वरूप में किसी प्रकार का परिवर्तन न होने पाए। भूमि पूजन कार्यक्रम की तैयारियों में अपनी टीम के साथ कई महीनों से जुटे शहीद स्मारक सेवा समिति के अध्यक्ष करतार केशव यादव ने बताया कि समारोह में लेफ्टिनेंट कर्नल मो. सरीन जावेद, नगरपालिका अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल सहित कई शख्सियत शामिल होंगी। बिस्मिल की एकलौती प्रतिमा के अगल-बगल शहीद अशफाक उल्ला खां, राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी, ‘रोशन सिंह’ की प्रतिमा स्थापित होने से यह स्थल आए दिन होने वाले कार्यक्रमों में आने-जाने वाले युवाओं, छात्राओं के लिए प्रेरणा का काम करेगा। जिला पंचायत परिसर में लगी शहीद भगत सिंह की एकलौती प्रतिमा के साथ शहीद राजगुरु एवं सुखदेव की मूर्ति स्थापित करने के बाद प्रख्यात समाजसेवी करतार केशव यादव ने यह बीड़ा उठाया है। उन्होंने ढलती उम्र के पड़ाव में भी सेवा कार्य के प्रति जुनून कम न होने का राज बताया। बकौल करतार, शहीद भगत सिंह ने कहा था कि ‘सर देके राहे इश्क में ऐसा मजा मिला, हसरत ही रह गई कि कोई और सिर न था’। यही सब शहीदों की बातें हमें प्रभावित करती हैं और कुछ करने की प्रेरणा देती है। प्रख्यात समाजसेवी यूपी रत्न से सम्मानित शहीद स्मारक सेवा समिति के अध्यक्ष व मुख्यालय पर शहीदों की मूर्ति स्थापना के लिए जाने जाने वाले करतार केशव यादव ने 1980 में उनके द्वारा स्थापित शहीद भगत सिंह की प्रतिमा के बगल उनके साथी सुखदेव एवं राजगुरु की प्रतिमा भी इसी बर्ष 2023 में जनसहयोग से लगाई। करतार कहते हैं, कि 40 साल पहले 1982 में भगत सिंह की प्रतिमा का अनावरण काकोरी कांड के नायक दादा शचीन्द्रनाथ बक्शी द्वारा किया गया तब बात ध्यान में नहीं आई थी कि साथ में उनके साथियों की भी प्रतिमा लगनी चाहिए थी। लेकिन जब भी मैं इधर से गुजरता तो मेरे मन में यह बात हमेशा खटकती रहती थी कि शायद कुछ गलत हुआ है। यह सब एक दूसरे के इतने खास दोस्त थे देश के लिए साथ मरे, साथ याद किए जाते हैं तो साथ यहां भी होना चाहिए।

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मुख्यमंत्री-राज्यपाल सहित राष्ट्रपति भी कर चुके हैं करतार की निस्वार्थ सेवा की सराहना

शहीद स्मारक सेवा समिति के अध्यक्ष प्रख्यात समाजसेवी करतार केशव यादव के सेवा की सराहना व सम्मान देश की बड़ी-बड़ी शख्सियतों ने भी की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी रत्न, राज्यपाल विष्णुकांत शास्त्री ने समाज रत्न, एवं राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने जहां इन्हें सम्मानित किया वहीं राष्ट्रपति बनने से कुछ माह पूर्व जिले में आए व एकता यात्रा के मुख्य अतिथि रहे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी करतार की सेवा को सराहा था। गौरतलब है कि करतार केशव ने ही उनकी यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।