मरहूम शायर तेवर सुलतानपुरी की याद में डॉ डीएम मिश्र के आवास पर सांध्य गोष्ठी का हुआ आयोजन।
राखों में हो गई तब्दील चिताएं जलकर,
कौन रह को हवा देगा यहां कोई नहीं.
बाद तेवर के जो पूछोगे तो उस घर का मकी.
कह के ये हाथ हिला देगा यहां कोई नहीं.।
यह शायरी सुलतानपुर जनपद के चर्चित मरहूम शायर रईस अहमद जिनको “तेवर सुल्तानपुरी” के नाम से भी जाना जाता हैं उनका है। उन्ही की याद में सुलतानपुर के शुप्रसिद्ध कवि शायर डाॅ डी एम मिश्र ने अपने आवास पर कवि गोष्ठी का आयोजन किया।
*#मशहूर शायर डॉडीएममिश्र के आवास पर मरहूम शायर तेवर सुलतानपुरी की याद में सांध्य गोष्ठी का हुआ आयोजन।*
मरहूम शायर तेवर सुलतानपुरी के बारे में हम अपने दर्शको को बता दे कि यह कूरेभार ब्लाक के अंतर्गत तियरी गांव के रहने वाले थे लगभग 82 साल की उम्र में रईस अहमद तेवर सुल्तानपुरी साहब का निधन उनके पैतृक गांव तियरी में दिनांक 04 अक्टूबर 2022 को लम्बी बीमारी के बाद हुआ। तेवर साहब की अच्छी शायरी के चलते उनका शुमार जनपद के उस्ताद शायरों मे होता हैं.यही नही वो जितने बेहतरीन शायर थे उतने है नेक दिल और अच्छे इंसान थे।
पहले हम उनकी एक शायरी उन्ही की जुबानी सुनाते हैं जिसमे डॉ डीएम मिश्र के आवास पर उन्होंने ने सुनाई थी आप भी सुने।
मरहूम शायर तेवर सुलतानपुरी की याद में हुए इस कार्यक्रम का सदारत किया – सीनियर शायर जाहिल सुलतानपुरी साहब ने और संचालन -डाॅ डी एम मिश्र साहब ने और आरज़ू नैयर ( जो पुत्र तेवर सुलतानपुरी के बड़े लड़के है वह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रह कर अपनी रचनाएं सुनाई।आइये आप सब के सामने प्रस्तुत है यह कार्यक्रम।