अमृत सरोवर व गोशाला का औचक निरीक्षण करने पहुंची अमेठी सीडीओ सान्या छाबड़ा।

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अमृत सरोवर व गोशाला का औचक निरीक्षण करने पहुंची अमेठी सीडीओ सान्या छाबड़ा।

पशुओं में फैलने वाली बीमारी की रोकथाम के लिए करें उचित प्रबंध

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जल संचयन का बेहतर माध्यम है अमृत सरोवर

लखनऊ । जिले में 22 सितंबर को वर्ष 2019 बैच की आईएएस अधिकारी बतौर मुख्य विकास अधिकारी चार्ज ग्रहण करने वाली सान्या छाबड़ा ने विकास खण्ड अमेठी की ग्राम पंचायत रायपुर फुलवारी में निर्माणाधीन अमृत सरोवर के कार्य की प्रगति को परखने के उद्देश से  अपने मातहतो के साथ औचक निरीक्षण किया । उन्होंने अमृत सरोवर के बंद पड़े कार्य में तेजी लाने के अलावा योजना से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के सम्बन्ध में मातहतों को निर्देश देते हुए शीघ्र कार्य पूर्ण कराने का निर्देश दिया। निरीक्षण के दौरान उन्होने कहाकि जल सचंयन के लिए अमृत सरोवर योजना के तहत पोखरों और तालाबों पर गुणवत्तापूर्ण कार्य होने से जल संचयन के अलावा पशु – पक्षी गर्मी में अपनी प्यास बुझायेगें।इसलिए कम से कम समय में अमृत सरोवरों के कार्य में तेजी लाकर निर्माण कार्य पूरा करें । निरीक्षण के दौरान सीडीओ सान्या छाबड़ा ने अमृत सरोवर पर निर्मित इनलेट, आउटलेट, स्टेयर, गेट, फैंसिंग, पथ-वे, इंटरलाकिंग सहित अन्य कार्यों के बारे में जानकारी ली । उन्होंने अमृत सरोवर के किनारे- किनारे वृक्षारोपण करने, प्रकाश की व्यवस्था करने के साथ ही बैठने के लिए समुचित इंतजाम करने का निर्देश दिया । सीडीओ श्रीमती सान्या छाबड़ा ने कहा कि कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बरतने पर कठोर कार्यवाही की जायेगी ।


[ अमृत सरोवर के निरीक्षण के बाद सीडीओ सान्या छाबड़ा सीधे इसी ब्लॉक के महमूदपुर गांव में बने अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल  निरीक्षण करने पहुंची । वहां उन्होंने गोवंश आश्रय स्थल का निरीक्षण किया और गोवंश आश्रय स्थल पर बेहतर साफ सफाई के निर्देश दिए। उन्होंने वहां मौजूद जिम्मेदारों से कहाकि शत प्रतिशत गोवंशों की ईयर टैगिंग सुनिश्चित की जाए। सीडीओ ने निरीक्षण के समय गोवंशों के लिए भूसा, पेयजल आदि की स्थिति के बारे में भी जानकारी ली । उन्होंने कहाकि गौशाला में साफ-सफाई की चाक -चौबंद व्यवस्था रहनी चाहिये । उन्होंने निरीक्षण के दौरान गोवंशों की उचित देखभाल के निर्देश दिये गये । सीडीओ सान्या छाबड़ा ने सम्बन्धित को निर्देशित करते हुए कहाकि लम्पी डिजीज के दृष्टिगत गोवंश आश्रय स्थल में स्वच्छता, साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाये तथा पशुओं में फैलने वाली लम्पी नामक संक्रामक बीमारी से बचाव हेतु समस्त उपचार किये जायें। गोवंशों के खान-पान हेतु उचित प्रबन्ध किये जाये तथा दैनिक सत्यापन/निरीक्षण कर आवश्यक चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाये।

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