बन रहे निर्माणाधीन अस्पताल के मेन गेट के सटरिंग हटते ही पूरा छज्जा नीचे लटका,मचा हड़कंप,कार्यदायी संस्था पर लगा प्रश्नचिन्ह।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के दावों को पलीता लगाने में यह कार्यदायी संस्था कोई भी कोर कसर नही छोड़ रही है
आरोप लग रहा है भर्ष्टाचार का दीमक बहुत खतरनाक होता है,अगर लग जाय तो फिर बन रही बिल्डिंग कब भरभराकर कर गिर जाय किसी को भी पता नही लग पाती है।यह खबर सुल्तानपुर जनपद से है जहां अभी कुछ दिन पूर्व कूरेभार समुदायिक केंद्र के परिसर में बन रहे 20 बेड के अस्पताल के गुणवत्ता में खामियों की शिकायत पर जयसिंहपुर सदर के विधायक राजबाबू उपाध्याय ने स्वंय ही बन रहे निर्माणाधीन बिल्डिंग की गुणवत्ता को देखी जिसमे ख़ामी मिली और बन रहे निर्माणाधीन बिल्डिंग के कार्य पर सुधार लाने तक रोक लगा दी थी।
बन रहे निर्माणाधीन अस्पताल के मेन गेट के सटरिंग हटते ही छज्जा नीचे लटका,कार्यदायी संस्था पर लगा प्रश्नचिन्ह।
अभी यह मामला ठंडा ही नही हो पाया कि आज अखण्डनगर समुदायिक स्वस्थ केंद्र में बन रहे 20 बेड के अस्पताल की बिल्डिंग में मेन गेट के पास ऊपर लगा पोर्च सटरिंग हटाते ही आज नीचे लटक गया वह तो गनीमत रही कि आज इस जगह मजदूरों और मिस्त्री का कोई भी काम ना चलने की वजह से किसी के भी जान माल की घटना नही हो पाई।लेकिन इस छज्जे के गिरते ही अस्पताल की बन रही निर्माणाधीन बिल्डिंग में भ्र्ष्टाचार की बू आने लगी।
वही इस मामले की जानकारी के लिए सीएचसी अधीक्षक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह बिल्डिंग लखनऊ की जलनिगम कंपनी द्वारा कार्य कराया जा रहा है।यह कार्यदायी संस्था पूरे जनपद में बन रहे अस्पतालों की बिल्डिंग को बना रही हैं।आगे बताया कि झंडारोहण के दिन छत पर चढ़े चौकीदार ने छत से निकले पोर्च पर दरार देखी तो उसकी जानकारी कार्यदायी संस्था को दे दी गई थी।लेकिन उन लोगों ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया और आज सटरिंग हटते ही पोर्च पूरा नीचे लटक गया।
लेकिन अब सवाल उठान लाज़मी हो गया है कि जनपद ने बन रहे सभी अस्पतालों की बिल्डिंग के मटेरियल में कोई समझौता तो नही कर लिया गया। क्यों कि यह शिकायत जनपद के सीएमओ डॉ डी के त्रिपाठी को लगभग लगभग प्रत्येक सीएचसी से आई थी और उन शिकायतों पर जांच भी करवाई गई जहां गुणवत्ता ठीक नही पाया गया वहां पर गुणवत्ता ठीक कर कार्य शुरू करने का फरमान सुनाया गया था। लेकिन यहाँ तो अभी पूरी बिल्डिंग बनी ही नही और गिरना भी शुरू हो गई।
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