हर घर तिरंगा कार्यक्रम के तहत डीएम ने कहा फ्लैग कोड़ के तहत सभी फहराये तिरंगा झंडा,आखिर फ्लैग कोड है क्या,आखिर क्यों हो सकती हैं जेल।

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आजादी का अमृत महोत्सव के अन्तर्गत देश से लेकर प्रदेश भर में मनाए जाने को लेकर तैयारियां चल रही है। इस अमृत महोत्सव के तहत हर घर तिरंगा एवं स्वतंत्रता सप्ताह 11 से 17 अगस्त तक मनाया जायेगा जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने कहा कि हर घर तिरंगा कार्यक्रम के तहत फ्लैग कोड का पालन करते हुए जनपद के प्रत्येक नागरिक तिरंगा झण्डा फहराये।वही जिलाधिकारी ने ने सभी संगठनों से अपील करते हुए कहा कि हर घर तिरंगा कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए योगदान करे। यह फ्लैग कोड़ क्या है इसके बारे में ज्यातर आमजन को पता भी नही है कि यह क्या है हम आप को इस कार्यक्रम के बारे में थोड़ी थोड़ी जानकारी देने के बाद पूरी तरीके से हर पहलू पर जानकारी देंगे कि यह फ्लैग कोड़ क्या है और अपमान होने पर इसकी क्या सजा है।

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डीएम ने कहा फ्लैग कोड़ के तहत सभी फहराये तिरंगा झंडा,आखिर फ्लैग कोड है क्या,आखिर क्यों हो सकती हैं जेल।

गौरतलब को की बीते 21 जुलाई को शासन के निर्देशानुसार जिलाधिकारी रवीश गुप्ता की अध्यक्षता में गुरूवार को स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगॉठ के अवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव मनाये जाने के क्रम में ‘हर घर तिरंगा‘ कार्यक्रम के सम्बन्ध में विकास भवन के प्रेरणा सभागार में बैठक आयोजित की गयी। उक्त बैठक में नगर पालिका अध्यक्ष बबिता जायसवाल, मुख्य विकास अधिकारी अतुल वत्स, सरकारी अधिकारी/कर्मचारी, शिक्षकगण, स्वयं सहायता समूह, विभिन्न संगठनों, वाणिज्यिक एवं व्यवसायिक समूहों एवं संगठनों, सभी ब्लाकों के प्रधान संघ के अध्यक्षों ने प्रतिभाग किया।

इस कार्यक्रम में आम जनमानस से आवाह्नन करते हुए कहा कि जिस प्रकार शादी के अवसर पर पहने जाने वाले कपड़े को सम्भाल कर रखते हैं उसी प्रकार स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगॉठ के अवसर पर फहराये जाने वाले झण्डे को स्मृति के रूप में सम्भाल कर रखें। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी भवनों, इमारतों, शहीद स्थलों, शिक्षण संस्थाओं आदि की साफ-सफाई करायी जाय तथा उनका सौन्दर्यीकरण कराते हुए तिरंगा फहराया जाय।

अब हम आप को फ्लैग कोड के बारे में बताते है कि यह क्या है।यह ध्वज तिरंगा 22 जुलाई 1947 को अपनाया गया था तिरंगे को आंध्रप्रदेश के पिंगली वैंकैया ने बनाया था. वैंकैया एक स्वतंत्रता सेनानी थीं। तिरंगे का अपमान न हो, इसलिए इसे फहराने के कुछ नियम बनाए गए हैं, जिसे ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया’ कहते हैं. जिसका पालन सभी भारतीयों को करना अनिवार्य है, वहीं ऐसा नहीं करने वालों को कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है।
पहली शर्त है कि तिरंगा हमेशा कॉटन, सिल्क या फिर खादी का ही होना चाहिए. प्लास्टिक का झंडा बनाने की मनाही है. तिरंगे का निर्माण हमेशा रेक्टेंगल शेप में ही होगा, जिसका अनुपात 3:2 होना चाहिए. जबकि अशोक चक्र का कोई माप तय नही हैं, सिर्फ इसमें 24 तिल्लियां होनी आवश्यक हैं।

नम्बर दो शर्त किसी भी मंच पर तिरंगा फहराते समय जब बोलने वाले का मुंह श्रोताओं की तरफ हो, तब तिरंगा हमेशा उसके दाहिने तरफ होना चाहिए।
शर्त नम्बर तीन फ्लैग कोड ऑफ इंडिया के मुताबिक किसी भी स्थिति में तिरंगा जमीन पर टच नहीं होना चाहिए. ऐसा करना झंडे का अपमान होता है. तिरंगे को किसी भी प्रकार के यूनिफॉर्म या सजावट में प्रयोग में नहीं लाया जा सकता।
नम्बर चार किसी भी दूसरे झंडे को राष्ट्रीय झंडे से ऊंचा या ऊपर नहीं लगा सकते और न ही बराबर रख सकते हैं।

नम्बर पांच शर्त झंडे पर कुछ भी बनाना या लिखना गैरकानूनी है. किसी भी गाड़ी के पीछे, बोट या प्लेन में तिरंगा नहीं लगाया जा सकता. साथ ही झंडे का प्रयोग किसी भी विल्डिंग को ढ़कने के लिए भी नहीं किया जा सकता है। अगर इन नियमों का उल्लंघन होता हैं तो ऐसा करने वालों को जेल की भी सजा हो सकती है।

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