सुल्तानपुर-जयसिंहपुर तहसील के सलीमपुर ग्रेट गाँव में राजस्व टीम ने घरौनी कार्यक्रम के तहत किया सर्वे।

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स्वामित्व योजना या यह कह ले घरौनी कार्यक्रम के तहत सुल्तानपुर जनपद के तहसील जयसिंहपुर ग्राम पंचायत सलीमपुर ग्रेट गांव में राजस्व टीम ने घरौनी कार्यक्रम के तहत सर्वे किया ।जिसमें घर घर पहुँच कर गांवों में वास्तविक ग्रामीण आबादी में मौजूदा सभी घरों, उनके क्षेत्रफल आदि का सर्वे किया और गांवों में घरों के मालिकों की सूची तैयार कर घरौनी बनाई।मौके पर गाँवो के सदस्यों के साथ ग्राम पंचायत के लेखपाल राम बदल समेत टीम के सदस्य मौजूद रहे।

स्वामित्व योजना या घरौनी कार्यक्रम क्या है जाने।

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स्वामित्व योजना में प्रत्येक जिले के 20-20 गांवों को चुनते हुए सर्वे शुरू किया जा चुका है। सर्वे ऑफ इंडिया 40 ड्रोन के जरिये गांवों में वास्तविक ग्रामीण आबादी में मौजूदा सभी घरों, उनके क्षेत्रफल आदि का सर्वे किया जाता हैं। गांवों में घरों के मालिकों की सूची तैयार कर घरौनी बनाई जाती है। सभी खातेदारों की आपत्तियों का निस्तारण करने के बाद अंतिम रूप से मालिकाना हक घोषित किया जाएगा। ग्रामीण आबादी के सभी घरों की नंबरिंग की जाएगी। इसका सबसे बड़ा फायदा पट्टीदारों के बीच विवाद समाप्त होने के साथ ही घरों का मालिकाना हक मिलने से उन पर बैंक लोन आदि भी मिल सकेगा।

सरकार की मंशा,घरौनी योजना का फायदा,घरौनी पर मिल सकेगा लोन।

गांवों की कृषि भूमि, ग्रामसभा, बंजर आदि भूमि का रिकार्ड तो रेवन्यू विभाग के पास होता है। कृषि भूमि का मालिकाना हक दिखाने के लिए खसरा खतौनी बनाई जाती है, लेकिन आबादी में बने घरों का मालिकाना हक के लिए कोई दस्तावेजी प्रमाण नहीं होता। इससे तमाम परेशानियां सामने आती हैं। घरों का बंटवारा होने के बाद भी विवाद समाप्त नहीं होता है। इससे अदालती मुकदमें बढ़ते जा रहे हैं। इसके अलावा गांवों के घरों की यूनिक आईडी नहीं होती। मालिकाना हक नहीं होने से घरों को बैंकों में मॉर्गेज पर नहीं रखा जा सकता है। इस योजना के तहत मालिकाना हक मिलने के बाद खतौनी की तर्ज पर घरौनी बनेगी। जिसके आधार पर ग्रामीण बैंकों से लोन प्राप्त कर सकेंगे। अभी मकान के कागज ना होने के कारण बैंक ग्रामीणों को उनके मकान के आधार पर पर लोन नहीं देते थे।

क्या है स्वामित्व योजना।

स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीणों को दी जाने वाली घरौनी में हर मकान का यूनीक आइडी नंबर दर्ज होगा। 13 अंकों के इस आइडी नंबर में पहले छह अंक गांव के कोड को दर्शाएंगे। अगले पांच अंक आबादी के प्लांट नंबर को दर्शाएंगे और आखिरी के दो अंक उसके संभावित विभाजन को दर्शाएंगे।

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