ब्लाक प्रमुख मोनू सिंह पर हुआ मुकदमा दर्ज, समर्थकों का मानना हो रहे हैं राजनीति का शिकार,देखे क्या है जबरदस्त स्टोरी।

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चंद्र भद्र सिंह सोनू और यश भद्र सिंह मोनू वह नाम है जो किसी के परिचय का मोहताज नही है , यह वह दो नाम है जो सुल्तानपुर जनपद में ही नही प्रदेश के उन तमाम सियासी गलियारो से लेकर बाहुबलीयो तक में अपनी धमक से जाने जाते है , यह नाम ऐसे ही नही चर्चित हुआ इसकी एक कहानी हैं जो हम आपको सुनाते हैं।

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ब्लाक प्रमुख मोनू सिंह पर हुआ मुकदमा दर्ज, समर्थकों का मानना हो रहे हैं राजनीति का शिकार


सुल्तानपुर जनपद के धनपतगंज ब्लॉक के मयांग गांव का वह परिवार है जो भद्र परिवार के नाम से जाना जाता है , भद्र परिवार वह परिवार है जिनके घर आजादी के बाद से स्थापित धनपतगंज ब्लॉक प्रमुख का पद आज भी इन्ही के परिवार में है , यही नही विधायक से लेकर सांसद तक का पद इनके परिवार में रहा है ,

विजनेस से लेकर राजनीति में कामयाब इस परिवार पर उस समय काले बादल के घटा मंडराना शुरू हो गया जब स्वर्गीय इंद्र भद्र सिंह की हत्त्या सुल्तानपुर के दीवानी के पास कर दी गई है , पिता की राजनीति विरासत को चन्द्र भद्र सिंह सोनू ने संभाला और इसौली विधान सभा से 2002 से लेकर2012 तक सबसे कम उम्र के विधायक चुने गए , लेकिन वर्ष 2006 का वह साल था, जब भद्र परिवार पूरे प्रदेश में सुर्खियों में छा गया , मामला यह था कि इलाहाबाद में कुंभ मेले से लौट रहे संत ज्ञानेश्वर के काफिले पर हमला हो गया जिसमे कई लोग मारे गए , जिस मामले में संत ज्ञानेश्वर के भाई ने चन्द्र भद्र सिंह सोनू व यश भद्र सिंह मोनू सहित अन्य लोगो को नामजद किया , यह संत ज्ञानेश्वर वह बाबा थे जो मयांग गांव के पास आश्रम बनाकर रह रहे थे। आरोप था कि चन्द्र भद्र सिंह सोनू के पिता स्वर्गीय इंद्र भद्र सिंह की हत्या संत ज्ञानेश्वर के शिष्यों ने की थी ,

बहरहाल इस मामले में दोनों भाई जेल गए कुछ महीनों बाद माननीय न्यायालय से जमानत मिल गई ,और

सालों बाद इलाहाबाद माननीय उच्च न्यायलय से दोनो भाई बरी हो गए ,लेकिन सन्त ज्ञानेश्वर के भाई ने सर्वोच्च न्यायालय में अपील किया माननीय सर्वोच्च न्यायलय में मुकदमा चला और वहाँ से भी दोनों भाई बरी हो गए, , सालों का वक्त बीत गया फिर से सन्त ज्ञानेश्वर के भाई ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय में अपील की लेकिन माननीय न्यायालय ने मुकदमे को खारिज कर दिया , इसी तरह कई ऐसे मामलों में चाहे वह लेखपाल हत्त्याकांड हो या फिर कूरेभार थाने का मामला हो दोनों भाई विवादों में फंसे रहे, इस दौरान सोनू व मोनू सिंह ने विधान सभा से लेकर लोकसभा व जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव लड़े लेकिन उन्हें हार का ही सामना करना पड़ा ,और विवादों से दोनों भाइयों का नाता बना ही रहा , गौरतलब हो कि अभी हाल ही में मायांग गांव में कुछ माह पहले एक व्यक्ति ने थाने पर तहरीर देकर पूर्व विधायक सोनू सिंह पर जे सी बी से दीवाल धकेलने सहित अन्य आरोप लगाए थे जिसमे सोनू सिंह को जेल जाना पड़ा था , अभी उस मामले में जेल छुटे पूर्व विधायक सोनू सिंह को कुछ माह ही हुए होंगे कि फिर से मयांग निवासी अरुण गुप्ता ने सोनू सिंह के भाई यश भद्र सिंह मोनू पर मार पीट सहित जान से मारने की धमकी का आरोप लगाते हुए सम्बंधित थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया है , जिसमे मोनू सिंह के सहित अन्य के ऊपर धारा 323, 506 में पुलिस मुकदमा कर मामले की जांच में जुट गई है ।

वही लगातार विवादों के घेरे में घिरे रहने की वजह पूर्व विधायक सोनू सिंह के समर्थकों का मानना है कि दोनों भाई राजनीति का शिकार हो रहे हैं और कुछ नही।

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