करोडों का बजट क्या नगरपालिका में हो गया पास,कि 50 विस्वा जमीन के चक्कर में अटक गई सांस?अध्यक्षानगरपालिका और पूर्वमंत्री की देखे तकरार,जबरदस्त स्टोरी,देखे सिर्फ के.डी न्यूज़ यूपी चैनल पर।

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सुल्तानपुर जनपद में छिड़ी हैं जबरदस्त रार,एकतरफ नगरपालिका अध्यक्ष तो दूसरी तरफ पूर्वमंत्री

सुल्तानपुर जनपदवाशियों के अंदर इस वक्त कई सवाल चल रहे हैं हम आप को उन सवालों की कुछ झलकियां सुनाते हैं।

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58 करोड़ का बजट क्या हो गया पास,कि 50 विस्वा जमीन के चक्कर में अटक गई सांस?अध्यक्षा नगरपालिका और पूर्वमंत्री ..

सवाल नम्बर एक- चार सालों में जिस सुल्तानपुर का भाजपा संघठन अपने ही पार्टी के नगर पालिका अध्यक्ष पर नही की कोई कार्यवाही क्या चार माह बाद कुछ ऐसा होने वाला है जो योगी सरकार में एक नजीर बन कर सामने आने वाला है

सवाल नम्बर दो- क्या 50 विस्वा जमीन का मामला अध्यक्ष नगर पालिका पर भारी पड़ने वाला है ,

सवाल नम्बर तीन-क्या अध्यक्ष नगर पालिका व उनके पति को भाजपा निष्कासन की कार्यवाही करने वाली है जिसको लेकर भाजपा जिलाध्यक्ष सहित संगठन के पदाधिकारियों ने हाई कमान से शिकायत की है ।

सवाल नम्बर चार-क्या , भ्र्ष्टाचार व अपराध पर पैनी नजर बनाए सूबे के सी एम से सुल्तानपुर का भाजपा संघठन अध्यक्ष नगर पालिका के ऊपर भ्रष्टाचार को लेकर शिकायत करने वाला है , जिसको लेकर चार माह बाद का समय जोह रहा है भाजपा संगठन

सवाल नम्बर पांच-क्या सुल्तानपुर जनपद से सूबे के सी एम योगी आदित्यनाथ उस नजीर लिखने वाले है, जिसको देखकर भाजपा का छोटा व बड़ा नेता भी भरस्टाचार नाम शब्द से भी दूर भागेगा

बहरहाल , यह हम नही कह रहे है , यह जुबानी है आम जनता की यह जुबानी हैं भाजपा नेता साथ ही नगर पालिका के सभासद डॉ सन्तोष सिंह का ।

भाजपा नेता व सभासद डॉ सन्तोष सिंह का कहना है कि लोकयक्त व शाशन की जांच में दोषी पाए जाने वाले अध्यक्ष नगर पालिका के हाथो जनता के विकास का धन नही सोपेंगे क्यो की वार्ड की जनता को हमे हिसाब देना पड़ता है , समय का इंतजार है चार माह बाद बाबा का बुलडोजर अध्यध नगर पालिका के आवास के बाहर खड़ा मिलेगा।

दरअसल यह मामला नगर पालिका परिषद के भरस्टाचार को लेकर चार सालों से भाजपा नेता व पालिका के सभासद डॉ सन्तोष सिंह सहित अन्य सभासद विरोध करते चले आ रहे है , इन चारों सालों में सभासदो की शिकायत पर लोकायुक्त से लेकर शासन के अधिकारियों द्वारा जांच भी की गई जिसमें अध्यक्ष नगर पालिका के ऊपर करोड़ो रूपये घोटाले में दोषी पाए गए , यही नही एल ई डी लाइट की खरीद की जांच में भी पालिका प्रशासन दोषी पाया गया , मामला तूल पकड़ा तो एल ई डी लाइट के मामले में ई ओ नगर पालिका को शासन ने निलंबित कर दिया , बहरहाल कईं महीने निलंबित रहने के बाद ई ओ नगर पालिका को शासन ने बहाल कर दिया , लेकिन नगर पालिका के भरस्टाचार को लेकर शुरुआती दौर से लामबंद रहे सभासदो ने हार नही मानी ,

कहते है मै अकेला चला था मगर लोग मिलते गए कारवाँ बनता गया
कुछ ऐसा ही नगर पालिका के आखिरी कार्यकाल के बोर्ड की बैठक में देखने को मिल रहा है , पहली बोर्ड की बैठक की तारीख तय हुई सभासदो को बुलावा भेजा गया , लेकिन पहली बोर्ड की बैठक में लगभग एक दर्जन सभासदो ने बोर्ड बैठक को बहिष्कार कर दिया , लगभग 58 करोड़ रुपये के बोर्ड का सभसदो ने बहिष्कार किया। अध्यक्ष नगर पालिका व उनके पति ने सारा ठीकरा भाजपा विधायक विनोद सिंह व सांसद पी आर ओ रणजीत सिंह पर थोप दिया , और कहा कि 50 विस्वा के एन आई सी की जमीन को बचाने के लिये भाजपा विधयक ने यह अड़ंगा लगाया है ।
बहरहाल इस मामले पर विधायक व सांसद पी आर ओ की तरफ से कोई प्रतक्रिया नही व्यक्त की गई , वही दूसरी बार बोर्ड की बैठक बुलाई गई लेकिन नजारा ही कुछ ऐसा ही रहा , तीसरी बार की बोर्ड की बैठक में दर्जनों सभासद लामबंद हो कर जिलाधिकारी रवीश गुप्ता के ऑफिस पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज कराई वही ई ओ नगर पालिका को भी बोर्ड की बैठक के बहिष्कार करने सम्बन्धी ज्ञापन भी दिया ।

अब आगे आप खुद ही सुनिये सभासद अमोल वाजपेयी का बयान

बहरहाल अब सवाल उठना लाजमी है कि क्या चार साल से नगर पालिका अध्यक्ष के भरस्टाचार को लेकर लड़ रहे सभासदो का मंसूबा पूरा होने वाला है और अध्यक्ष नगर पालिका लोकायुक्त से लेकर शासन की जांच में दोषी पाई गई है तो बाबा का बुलडोजर इस पर कब चलेगा और जनपद में नजीर बनेगा।

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