पूर्व विधायक सोनू सिंह समेत अन्य को एमपी-एमएलए कोर्ट से मिला झटका,देखे क्या है अपडेट रिपोर्ट।
पूर्व विधायक सोनू सिंह समेत अन्य को एमपी-एमएलए कोर्ट से झटका,जमानत खारिज
एमपी-एमएलए कोर्ट के स्पेशल जज पीके जयंत की अदालत ने आज पूर्व विधायक समेत चार आरोपियों की ठुकराई मांग,बढ़ी मुश्किलें
जिला न्यायालय से राहत न मिलने के चलते अब पूर्व विधायक व अन्य आरोपियों को हाईकोर्ट की शरण लेना तय,सलाखों के पीछे बिताने होंगे और कुछ दिन
रिपोर्ट-अंकुश यादव
सुलतानपुर। गैंगस्टर केस में पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू समेत चार आरोपियों ने हाईकोर्ट से राहत न मिलने के बाद बीते 13 जुलाई को एमपी-एमएलए कोर्ट में सरेंडर कर दिया था,जिसके बाद से ही वह सब जिला कारागार में निरूद्ध है। विशेष न्यायाधीश पीके जयंत की अदालत ने गुरुवार को सभी आरोपियों की तरफ से गैंगस्टर केस में प्रस्तुत जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है,ऐसे में इन सबके जरिये हाईकोर्ट की शरण लेना तय है।
मालूम हो कि धनपतगंज थाने के तत्कालीन एसआई व वर्तमान थानाध्यक्ष धम्मौर सीताराम यादव ने बीते 28 अप्रैल को पूर्व विधायक सोनू सिंह समेत पांच लोगों के खिलाफ आपराधिक गिरोह चलाने का आरोप लगाते हुए गैंगस्टर एक्ट की धाराओ में मुकदमा दर्ज कराया था। मामले में पूर्व विधायक सोनू सिंह को गैंग लीडर बताते हुए उनके साथ दीपक सिंह उर्फ बबलू सिंह,सूर्य प्रकाश सिंह उर्फ अंशू सिंह, विजय यादव व रुकसार को गैंग के सदस्य के रूप में नामजद किया गया था। मामले में आरोपी रुकसार पहले ही जेल चला गया था,जिसकी जमानत अर्जी जिला न्यायालय से खारिज होने के पश्चात हाईकोर्ट में प्रस्तुत की गई थी। हाईकोर्ट ने बीते 21 जून को ही आरोपी रुकसार की जमानत अर्जी को स्वीकार कर लिया है। जबकि पूर्व विधायक चन्द्रभद्र सिंह सोनू समेत अन्य काफी दिनों से पुलिस की पकड़ से दूर बने हुए थे। जिनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार पुलिस का दबाव भी बढ़ रहा था। गिरफ्तारी की आशंका से आरोपी विजय यादव को छोड़ पूर्व विधायक समेत तीन आरोपियों ने हाईकोर्ट में चार याचिकाएं प्रस्तुत की थी। जिसमे डबल बेंच ने पूर्व विधायक सोनू सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए बीते 18 जून को ही इस तरीके की कोई अन्य याचिका प्रस्तुत करने पर पाबंदी लगाने की शर्त के साथ उनके वकील के तर्कों को सुनने के पश्चात खारिज कर दिया था। वहीं बीते 28 जून को आरोपी दीपक सिंह की भी याचिका बिना राहत देते हुए निस्तारित कर दी गई,जबकि आरोपी आरोपी अंशू सिंह की एक याचिका एवं दीपक सिंह की अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट में विचाराधीन रही। फिलहाल सभी आरोपियों ने हाईकोर्ट से राहत मिलने की उम्मीद टूटने के बाद बीते 13 जुलाई को एमपी-एमएलए कोर्ट में चारो लोगो ने सरेंडर कर दिया और अब जिला कारागार में निरूद्ध है। फिलहाल पूर्व विधायक पक्ष ने सत्ता के इशारे पर गैंगस्टर समेत अन्य फर्जी मामले दर्ज कर बेवजह परेशान करने का आरोप लगाया है। गुरुवार को पूर्व विधायक व अन्य तीन आरोपियों की तरफ से गैंगस्टर केस में प्रस्तुत जमानत अर्जी पर एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई चली। उभय पक्षो को सुनने के पश्चात स्पेशल जज पीके जयंत ने सभी आरोपियों को राहत न देते हुए उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी है, ऐसे में पूर्व विधायक समेत अन्य आरोपियों के जरिये हाईकोर्ट की शरण लेना तय है एवं इन सबको कुछ दिन जेल में और बिताने पड़ेंगे यह बात भी साफ हो गई है।
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