शासन प्रशासन के लाख दावों के वावजूद यहां गोवंश तोड़ रहे दम,पोल खोलती ग्राउंड जीरो की रिपोर्ट।

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-योगी सरकार भले ही गौवंशो और गौशालाओं को बेहतर करने में लाख दिशा निर्देश दें, लेकिन जिम्मेदारों पर अभी भी कोई फर्क नही पड़ता। सुल्तानपुर में हाल ये है कि शासन प्रशासन के लाख दावों के वावजूद यहां गोवंश दम तोड़ रहे हैं। लेकिन उनका क्रियाकर्म ठीक से करने के बजाय उन्हें गोवंश आश्रय स्थल के बगल बने नालेनुमा गढ्ढे में फेंक दिए जा रहे हैं ।

दरअसल ये मामला है कादीपुर स्थित तवक्कलपुर नगरा गांव का। इसी गांव में जिला प्रशासन द्वारा अस्थाई गोवंश आश्रय स्थल बनवाया गया। शासन का निर्देश है कि यहां रखे गोवंशों के लिये चारे भूसे पानी के साथ साथ उनके रहने की भी ठीक ठाक व्यवस्था हो। यदि कोई जानवर बीमार होता है तो यहां तैनात डॉक्टर उसका इलाज करें, यदि जानवरो की मौत हो जाय तो गड्ढा खोद कर उन्हें दफन करवा दें। लेकिन इस गोवंश आश्रय स्थल पर ऐसा कुछ भी नही है। इलाज तो छोड़िये गोवंशों की मौत के बाद उन्हें आश्रय स्थल के बगल एक नालेनुमा गड्ढे में फेंक इतिश्री कर दिया जाता है। इन जानवरों के शव की बदबू से ग्रामीण परेशान हैं और खेत में काम भी नही कर पा रहे हैं।

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#योगीसरकार में #गौशालऐ बेहाल, लाख दावों के बावजूद भी गौवंशो का बना बुरा हाल, देखे ग्राउंड जीरो से रिपोर्ट।

बाइट- गोलू सिंह- स्थानीय ग्रामीण

वीओ-हैरानी की बात तो ये है इस गोवंश आश्रय स्थल 7-7 कर्मचारी तैनात है। पशु डॉक्टर की नियुक्ति के साथ साथ क्षेत्रीय कादीपुर अधीक्षक को जानवरों के इलाज का जिम्मा है। ग्राम विकास अधिकारी से लेकर खण्ड विकास अधिकारी के पास देखरेख का जिम्मा है बावजूद इसके यहां की दुर्दशा देख आप भी दंग रह जाएंगे। फिलहाल मामला जिलाधिकारी के संज्ञान में पहुंचा तो उन्होंने जांच कर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की बात कही है।

बाइट- रवीश गुप्ता- जिलाधिकारी सुल्तानपुर

वीओ- हैरानी की बात तो ये है कि अभी कुछ दिनों पहले भी यहां की दुर्दशा दिखाई गई थी, जिसके बाद हरकत में आये अधिकारियों ने यहां का आकस्मिक निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान कई खामियां भी पाई गई थी। जिसपर सीडीओ ने एक कर्मचारी को निलंबित कर दिया था, जबकि दो कर्मचारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि भी दी गई थी। बावजूद इसके यहां की देखरेख में लगे अधिकारी और कर्मचारी सुधरने का नाम नही ले रहे हैं।

बाइट- अतुल वत्स- मुख्य विकास अधिकारी( पुरानी फ़ाइल बाईट)

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