रायबरेली-बजट आते ही खिलखिला उठेगी समसपुर पक्षी विहार झील
बजट आते ही खिलखिला उठेगी समसपुर पक्षी विहार झील
रिपोर्ट- हिमांशु शुक्ला
सलोन(रायबरेली) : सर्दी शुरू होते ही रंग बिरंगे मेहमान पक्षियों से समसपुर पक्षी विहार गुलजार होने लगा है, लेकिन पक्षियों की सुरक्षा और संरक्षा को लेकर अब तक विभाग को बजट नहीं मिल है। जिम्मेदार लोगों का मानना है कि बजट की वजह से पूरी तैयारी नहीं हो पाई है। हर साल ये हजारों किमी लंबी दूरी तय करके पक्षी यहां आते हैं। रायबरेली, अमेठी, प्रतापगढ़ जिलों के लोगों को इनका बेसब्री से इंतजार रहता है। झील के शांत पानी में इन पक्षियों की अठखेलियां अलग ही छटा बिखेर रही हैं।
क्षेत्र का समसपुर पक्षी विहार 800 हेक्टेयर में फैला हुआ है। क्षेत्र की छह झीलों को जोड़कर इसे बनाया गया है। नवंबर में पक्षियों के आने के बाद दिसंबर और जनवरी में यह झील अपने चरम सौंदर्य पर रहती है। मेहमान पक्षियों के साथ ही यहां के स्थानीय पक्षी भी इसकी शोभा बढ़ाते हैं।
इनसेट-
आ चुके ये पक्षी
सलोन वन क्षेत्राधिकारी अमित श्रीवास्तव ने बताया कि गैडवाल, टिन टेल, यूरेसियन कूट, बीजन, कॉमन टील, ब्लैक स्टार्क, यूरेसियन स्पूनविल, ग्रे-हेरान आदि पक्षी करीब चार से पांच हजार किमी की दूरी तय करके आते हैं। तापमान के अनुसार ये पक्षी आने लगते हैं। इनके इंतजार में समसपुर पक्षी विहार अभी कई देशों के पक्षियों का इंतजार कर रहा है। जिसमें स्पॉट विल्ड पेलीकॉन, ब्लैक विड स्टिल्ट, ग्रेट कार्बोट्रेट, रेड क्रेस्टेड कोचर्ड, वैलो ब्लैकटेल, ह्वाइट ब्लैक टेल, बार हेडेड गूज आदि पक्षी शामिल हैं। ये पक्षी तापमान के अनुसार अपने देशों से आते हैं। यहां ज्यादा तापमान होने पर पहुंचते हैं।
इन देशों से आते पक्षी
सलोन वन क्षेत्राधिकारी ने बताया कि विदेशी पक्षी चाइना, मंगोलिया, रूस, वियतनाम, अफगानिस्तान, यूरेशिया आदि देशों से आते हैं। इनका नवंबर माह में आना शुरू हो जाता है। जो 15 फरवरी तक रहते हैं। तापमान घटने के साथ ही विदेशी पक्षी अपने देशों को वापस लौटने लगते हैं।
कोट
विदेशी पक्षियों के प्राकृतिक वास के लिए वन विभाग की ओर से पूरे प्रयास किए जाते हैं। इनकी सुरक्षा और संरक्षा की पूरी जिम्मेदारी रहती है। दो से चार दिनों में बजट आ जाएगा। जिसके बाद पूरी तैयारी करा दी जाएगी।
– अमित श्रीवास्तव (सलोन वन क्षेत्राधिकारी )