यूपी/सुलतानपुर-पुलिस ने दी क्लीन चिट, कोर्ट ने पकड़ाई विवेचना की चिट
सीजेएम ने पुलिस की रिपोर्ट को उचित न मानते हुए विवेचना कराना माना जायज*
*दुबई व साईप्रस भेजने के नाम पर लाखों हड़पने वालों पर मुकदमें का आदेश*
*दरोगा ने अपने रिपोर्ट में आरोपियों को दी थी क्लीन चिट*
*सीजेएम ने पुलिस की रिपोर्ट को उचित न मानते हुए विवेचना कराना माना जायज*
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(1)सुलतानपुर। दुबई व साईप्रस भेजने के नाम पर बेरोजगार युवको से लाखों की धोखाधड़ी के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हरीश कुमार की अदालत ने संज्ञान लिया है। अदालत ने प्रकरण से जुड़े आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर तफ्तीश के लिए कोतवाल को आदेशित किया है।
मामला कोतवाली नगर क्षेत्र के भट्ठी जरौली से जुड़ा है। जहां के रहने वाले नूरूलऐन अंसारी ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में केस दर्ज कराने को लेकर अर्जी दी। आरोप के मुताबिक अभियोगी व उसके सगे-सम्बंधियों व इष्ट मित्रों ने बेरोजगारी से निजात पाने के लिए नौकरी करने का इरादा बनाया। इसी बीच उनकी मुलाकात गांव के ही वीरेन्द्र चैरसिया से हुई। जिसने सह आरोपी आसिफ सिद्दीकी व सरजील एस वारमर से मिलाया और साईप्रस व दुबई भेजकर अच्छा वेतन दिलाने का झांसा दिया। वीरेन्द्र चैरसिया ने अन्य आरोपी के साथ मिलकर विदेश भेजने के नाम पर लखनऊ से लेकर मुम्बई तक बेरोजगारों को दौड़ाया और उनसे मेडिकल पास कराने एवं अन्य काम कराने के नाम पर कई लाख रूपये हड़प लिये। अभियोगी का कहना है कि जब उन्होंने पता लगाया तो आरोपियों के जरिये दिये गये टिकट व अन्य कागजात फर्जी निकले। जिसकी जानकारी होने पर अपने रूपये बेरोजगार युवकों ने वापस मांगे तो आरोपियों ने उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी। इन तीन के अलावा कुछ अज्ञात लोगों की भी संलिप्तता मामले में बताई गयी है। इस प्रकरण के सम्बंध में अभियोगी ने थाने पर शिकायत की। सुनवाई न होने पर पुलिस अधीक्षक को भी सूचना दी। फिलहाल कहीं से भी कोई सुनवाई नहीं हुई। जिससे निराश होकर अभियोगी ने कोर्ट की शरण ली। अभियोगी की तरफ से पड़ी अर्जी पर सुनवाई के पश्चात अदालत ने सम्बंधित थाने से रिपोर्ट तलब की तो जांच करने गये दरोगा अनुपम नीरज ने अभियोगी के खिलाफ ही मन-मुताबिक रिपोर्ट दर्शाते हुए अपनी आख्या में आरोपियों को क्लीन चिट दे दी। अपनी रिपोर्ट में उपनिरीक्षक अनुपम नीरज ने अभियोगी के आरोप असत्य व निराधार होने की वजह बताते हुए मुकदमा दर्ज न होने की रिपोर्ट अदालत में दी। थाने से रिपोर्ट आने के बाद मामले में सीजेएम कोर्ट में बहस चली। जिस पर सुनवाई के दौरान अभियोगी के अधिवक्ता ने अपने साक्ष्यों एवं तर्काें को प्रस्तुत कर मामले में केस दर्ज कर तफ्तीश कराये जाने की मांग की। जिस पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने दरोगा की रिपोर्ट को कोई तवज्जों न देते हुए मामले में मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश कराया जाना उचित माना। न्यायाधीश हरीश कुमार ने मामले में केस दर्ज कर जांच के लिए नगर कोतवाल को आदेशित किया है।
*गैर इरादतन हत्या में पिता व दो पुत्र ठहराये गये दोषी*
*सजा के बिन्दु पर सुनवाई कल*
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(2)सुलतानपुर। पेड़ काटने को लेकर हुए विवाद में गैर इरादतन हत्या के मामले में एडीजे अष्टम की अदालत ने पिता-पुत्रो को दोष सिद्ध करार दिया है। जिनकी सजा के बिन्दु पर सुनवाई के लिए सत्र न्यायाधीश प्रतिभा नारायण ने कल आठ नवम्बर की तिथि तय की है।
मामला कुड़वार थाना क्षेत्र के धराये गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले समीम बानों पुत्री शब्बीर खां ने 19 मई 2010 को मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक पेड़ काटने के विवाद को लेकर उसके चाचा इशहाक, उनके पुत्र आफाक उर्फ सानू, अशफाक खां, इजहार उर्फ बाबुल व सहआरोपी जुबेर निवासीगण धराए ने अभियोगिनी के पिता शब्बीर को घर में घुसकर हथियारों से गम्भीर चोटें पहुंचायी। विवाद में आयी चोटो के चलते शब्बीर की मौत हो गयी। इस मामले में जुबेर को छोड़कर शेष अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हुआ। आरोपी इजहार की दौरान विचारण मृत्यु हो गयी। शेष आरोपी इशहाक व उसके पुत्र आफाक व अशफाक के विरूद्ध एडीजे अष्टम की अदालत मे विचारण चला। इस दौरान बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यों एवं तर्कों को पेश किया। वहीं शासकीय अधिवक्ता विवेक विक्रम सिंह ने अपने साक्ष्यों एवं तर्कों को प्रस्तुत कर आरोपियों को ही शब्बीर की मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए दोषी करार दिये जाने की मांग की। उभय पक्षों को सुनने के पश्चात सत्र न्यायाधीश प्रतिभा नारायण ने आरोपी पिता-पुत्रों को गैर इरादतन हत्या सहित अन्य आरोपों में दोषी करार दिया है। अदालत ने सजा के बिन्दु पर सुनवाई के लिए कल आठ नवम्बर की तिथि नियत की है।
*रिपोर्ट-अंकुश यादव*