सुलतानपुर/-विद्दुत संविदा कर्मियों ने लगाई न्याय की गुहार,
आउट सोर्सिंग कम्पनी से मिलीभगत का विभागीय अधिकारियों व् बाबुओं की संलिप्ता पर लगाये आरोप
*विद्दुत संविदा कर्मियों का मामला नही हो पा रहा निस्तारण–*–
*अधीक्षण अभियंता के आश्वासन के बाद सांसद मेनका गांधी, प्रभारी मंत्री जय प्रताप सिंह,राज्य सभा सांसद संजय सिंह से विद्दुत संविदा कर्मियों ने लगाई न्याय की गुहार—*
*आउट सोर्सिंग कम्पनी से मिलीभगत का विभागीय अधिकारियों व् बाबुओं की संलिप्ता पर लगाये आरोप*
*चार माह से नही दिया वर्तमान कम्पनी ने वेतन , पूर्व की कम्पनी से भी नही मिला संविदा कर्मियों को वेतन-*
*बिना सुरक्षा उपकरण के काम करने को मजबूर है विद्दुत संविदा कर्मी*
*देखना है माननीय क्या करते इस मामले पर कार्यवाही*
सुल्तानपुर— संविदा विद्दुत कर्मियों का मामला सुलझने का नाम ही नही ले रहा है , वेतन सहित अन्य मामलो को लेकर धरने पर भी बैठ चुके संविदा कर्मियों को अधीक्षण अभियंता द्वारा आश्वासन देने के बाउजूद भी मामले का निस्तारण नही हो सका जिसको लेकर विद्दुत संविदा कर्मी सांसद मेनका गांधी के जनता दरबार से लेकर प्रभारी मंत्री जय प्रताप सिंह सहित राज्य सभा सांसद संजय सिंह को ज्ञापन देकर न्याय की गुहार लगा रहे है विद्दुत संविदा कर्मियों का आरोप है कि विभागीय बाबू से लेकर अधिकारी तक कम्पनी मालिक से मिलकर बंदरबाट कर रहे है जिसके चलते न तो विद्दुत संविदा कर्मियों को सुरक्षा उपकरण दिया जाता है, वही कम्पनी द्वारा चार माह से वेतन भी नही दिया गया वही पूर्व के कम्पनी ने भी संविदा कर्मियों को चार माह के वेतन भी नही दिया वही ई एस आई , ई पी एफ में जमा धनराशि को भी संविदा कर्मियों को नही अवगत कराया, संविदा कर्मियों की मांग है कि उन्हें मेसर्स ओरियन कम्पनी द्वारा बकाये वेतन का भुगतान कराया जाय और ई एस आई, ई पी एफ खाते का विवरण संविदा कर्मियों को उपलब्ध कराया जाय वही सुरक्षा उपकरण भी दिए जाय जिससे आये दिन विद्दुत लाइन से दुर्घटना हो रहे लाइनमैन बच सके इन्ही मांगो को लेकर संविदा कर्मी अधिकारियों के दरवाजे पर तो दस्तक दे चुके है अब उन माननीयो के दरवाजे पर भी दस्तक देकर अपनी पीड़ा से अवगत करा रहे है जो अपने आप को गरीबो का मसीहा कहते है बहरहाल देखना तो यह है कि इन विद्दुत संविदा कर्मियों की मांग को कौन पूरा कराने में सफल होगा यह तो आने वाला कल ही बताएगा, लेकिन विद्दुत विभाग के बारे में यह कहा जा सकता है कि यह विभाग अपने कारनामो से हमेशा सुर्खियों में रहता है अगर हम संविदा कर्मियों की मांग पर नजर दौड़ाये तो यह सही है कि जिनके कंधे पर विद्दुत विभाग के अधिकारी शासन से लेकर प्रसाशन तक अपनी वाह वाही लूटते है आज वही विद्दुत संविदा कर्मियों के परिश्रम की आय को भी देने में हिलाहवाली कर रहे है इस प्रकरण पर सवाल यह भी उठता है कि जिस ओरियन कम्पनी को विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने आउटसोर्सिंग का ठेका दिया है वह कम्पनी विद्दुत संविदा कर्मियों को भुगतान क्यों नही कर रहा है यही नही कम्पनी में चार माह से काम कर रहे संविदा कर्मियों का कम्पनी ने अभी तक नाम , एकाउंट नम्बर भी नही फीड करा पाई है ई एस आई और ई पी एफ में कैसे रजिस्ट्रेशन कराया होगा यह तो अपने आप में एक बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह बन कर उभर रहा है यही कारण है कि विद्दुत संविदा कर्मियों के दुर्घटना होने पर कम्पनी का ठेकेदार आर्थिक सहायता देने में हिला हवाली करता है जिससे यह कयास लगाया जाता है कि ए सी में बैठे अधिकारी व् विभाग के बाबू अपने स्वार्थ के लिये गरीब कर्मियों का शोषण करने से नही चूक रहे है देखना तो यह है कि सांसद मेनका गांधी, प्रभारी जय प्रताप सिंह , राज्य सभा सांसद संजय सिंह इस मामले में विभागीय अधिकारी , कम्पनी मालिक के ऊपर क्या कार्यवाही करते है।