सुलतानपुर-बहुचर्चित करूण मिश्र पत्रकार हत्याकांड में शासकीय अधिवक्ता को मिली धमकी

सरकारी वकील को मानते हुए जेल से कोर्ट आए आरोपी ने उन्हें ही देख लेने एवं कानून मंत्री से कहकर हटवा देने की धमकी दी

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रिपोर्ट-अंकुश यादव एडवोकेट

सुलतानपुर-बहुचर्चित करूण मिश्र पत्रकार हत्याकांड में सभी आरोपियों की तलबी न होने के कारण साक्षी की गवाही नहीं हो सकी। जिसका जिम्मेदार सरकारी वकील को मानते हुए जेल से कोर्ट आए आरोपी ने उन्हें ही देख लेने एवं कानून मंत्री से कहकर हटवा देने की धमकी दी। सरकारी वकील ने आरोपी संदीप सिंह से जान का खतरा बताते हुए अदालत एवं प्रशासन से प्रभावी कार्यवाही की मांग की है। मामला गोसाईगंज थाना क्षेत्र से जुड़ा है। जहां पर 13 फरवरी 2016 को हुई घटना का जिक्र करते हुए अभियोगी अभिषेक दीक्षित निवासी रामनगर कोट-कोतवाली नगर ने पत्रकार करूण मिश्र की हत्या के आरोप में अज्ञात बाइक सवारों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कराया। इस मामले में आरोपी संदीप सिंह निवासी इमिलिया कला, अजय सिंह रामपुर खुर्द, हैदर अब्बास, पवन सिंह, राहुल सिंह, अमन सिंह, केसरी उपाध्याय उर्फ मामा निवासी करीमुद्दीनपुर-इलाहाबाद का नाम प्रकाश में आया। मामले में आरोपियों को जेल भेजने की कार्यवाही की गयी। इस हत्याकांड का विचारण एडीजे षष्ठम अनुराग कुरील की अदालत में चल रहा है।जिसमे हाईकोर्ट से शीघ्र विचारण के लिए निर्देश भी है। मामले में अभियोगी ने आरोपियों को सामने आने पर पहचान लेने की बात अपने बयान में कही है। साक्ष्य के दौरान इसी बात की पुष्टि कराने के लिए सभी मुल्जिमों की उपस्थिति में ही गवाही चलाने की बात अदालत ने कही है,जिससे कि अभियोगी अभिषेक मुल्जिमो के पहचान की पुष्टि कर सके। मामले में पेशी पर आरोपी अमन धनवाद जेल से नहीं आ सका। आरोपी अजय गैर हाजिर चल रहा है। सभी अभियुक्तों की उपस्थिति न होने की वजह से अदालत ने साक्ष्य पर सुनवाई के लिए आगामी पांच अक्टूबर की तिथि तय कर दी। इसी बात पर अलीगढ़ जेल से पेशी पर आये आरोपी संदीप सिंह ने अपने अधिवक्ता की मौजूदगी में एडीजे षष्ठम की अदालत में अभियोजन की पैरवी के लिए नियुक्त एडीजीसी-क्रिमिनल रामनेवल यादव को गवाही न होने का जिम्मेदार मानते हुए न्याय मंत्री से कहकर हटवा देने एवं हथकड़ी से छूटने पर देख लेने की धमकी दी। पेशी पर आये आरोपी सन्दीप सिंह की धमकी व बदसलूकी से केस को अन्य किसी शासकीय अधिवक्ता से पैरवी कराये जाने एवं आरोपी से जान का खतरा होने की बात कही है। शासकीय अधिवक्ता रामनेवल यादव के मुताबिक ऐसे आरोपियों पर कड़ी कार्यवाही न होने से उन्हें बढ़ावा मिलेगा एवं डरवश गवाह व वकील भी अपनी बात कोर्ट में कहने से डरेंगे, जिससे मुकदमों में फैसला भी प्रभावित होगा। सरकारी वकील ने सत्र न्यायाधीश अनुराग कुरील की अदालत एवं अन्य को लिखित सूचना देकर मामले में कड़ी कार्यवाही कराने की मांग की है।

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