रायबरेली-लेखपालों का कार्य बहिष्कार, धरना-प्रदर्शन

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लेखपालों का कार्य बहिष्कार, धरना-प्रदर्शन

रिपोर्ट- हिमांशु शुक्ला

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रायबरेली : अधिवक्ताओं और लेखपालों के बीच कन्नौज में हुए विवाद की गूंज पूरी रायबरेली में सुनाई दी। उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के आह्वान पर कर्मचारियों ने तहसील परिसर में धरना-प्रदर्शन के साथ अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी। पांच सूत्री मांगपत्र अधिकारियों को सौंपकर तत्काल कार्रवाई की मांग की गई। इस मौके पर तहसीलदार व नायब तहसीलदार भी लेखपालों के पक्ष में खड़े मिले।

रायबरेली सदर तहसील में विरोध प्रदर्शन के दौरान अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार मिश्र ने कहा कि कन्नौज में अधिवक्ता देवेंद्र कुमार राजपूत द्वारा महिला लेखपाल पर एक प्रमाण पत्र में जबरन रिपोर्ट लगाने का दबाव बनाया गया। रिपोर्ट न लगाने पर उनसे मारपीट की गई। बचाव में आई दूसरी महिला लेखपाल के साथ भी दु‌र्व्यवहार किया गया। सैकड़ों की संख्या में अधिवक्ताओं ने लेखपालों को चार से पांच घंटे तक तहसील सभागार में बंधक बनाकर रखा। इसके उलट थाने में लेखपालों के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज करा दी गई। मंत्री रामअनुज दीक्षित ने कहा कि दोषी अधिवक्ताओं की तत्काल गिरफ्तारी की जाए। अधिवक्ता प्रैक्टिस करने संबंधी लाइसेंस बार काउंसिल से निरस्त कराया जाए। जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक कन्नौज तत्काल कार्रवाई करें। यही नहीं आत्मरक्षा की दृष्टि से शस्त्र लाइसेंस चाहने वाले प्रदेश के इच्छुक लेखपालों को शस्त्र लाइसेंस दिलाए जाए। इस मौके पर सुनील कुमार निगम, राम सजीवन, उमेश दीक्षित, बृजेश सिंह गौतम, हरि प्रकाश त्रिवेदी आदि मौजूद रहे। रजिस्ट्रार और कानून गो संघ द्वारा भी कार्य बहिष्कार कर लेखपालों के पक्ष में डीएम को ज्ञापन दिया गया। महराजगंज में लेखपाल संघ अध्यक्ष जितेंद्र कुमार सिंह ने कहा लेखपालों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम अपने अधिकारों की पुरजोर लड़ाई लड़ेंगे। वहीं लालगंज तहसील अध्यक्ष धर्मराज सिंह ने कहा कि 27 सितंबर तक मांगे पूरी न हुई तो लेखपाल संघ कड़ा निर्णय लेने को मजबूर होगा। सलोन, डलमऊ और ऊंचाहार में भी लेखपाल कार्य से विरत रहे।