सुलतानपुर-दक्षिण अफ्रीका में रह रहे पति को अंजान बताकर महिला ने दर्ज कराया दुष्कर्म का मुकदमा,कोर्ट ने पत्नी के खिलाफ कार्यवाही का दिया आदेश

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*दक्षिण अफ्रीका में रह रहे पति  को अंजान बताकर महिला ने दर्ज कराया दुष्कर्म का मुकदमा*

*जिला जज ने मिथ्या साक्ष्य पाने पर अभियोगिनी के खिलाफ कार्यवाही का दिया आदेश*

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*आरोपी के पासपोर्ट-बीजा एवं पत्नी होने के सबूतों पर जांच के लिए विवेचक को दिया निर्देश

*सीजेएम कोर्ट के आदेश को जिला जज ने माना जायज,आरोपी की निगरानी खारिज*

रिपोर्ट -अंकुश यादव (एडवोकेट)

(1)सुलतानपुर। दक्षिण अफ्रीका में रह रहे अपने पति की पहचान छिपाते हुए महिला के जरिये उसे एक अंजान व्यक्ति की तरह बताकर दुष्कर्म का केस दर्ज कराया गया। सीजेएम कोर्ट के इस आदेश को जिला जज की अदालत में चुनौती मिली। जिला जज तनवीर अहमद ने नये तथ्य सामने आने पर मुल्जिम पक्ष की अर्जी खारिज तो कर दी,लेकिन आरोपी के विदेश में होने एवं महिला को आरोपी की पत्नी होने समेत अन्य विंदुओ पर गहनता से जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए विवेचक को निर्देशित किया है। जिला जज ने मामला गलत पाने पर महिला के खिलाफ ही कार्यवाही का आदेश दिया है।
मामला दोस्तपुर थाना क्षेत्र से जुड़ा है। जहां की रहने वाली महिला ने बीते 13 सितम्बर को दिन में तीन बजे हुई घटना बताते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में अर्जी दी। जिसमें आरोप है कि वह घटना के समय घास काटने के लिए गयी थी। उस दौरान आरोपी पीछे से आया आैर उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया। आरोप है कि दुष्कर्म मे बाद वह अचेतावस्था में खेत में पड़ी रही। आसपास की महिलाओं ने देखा तो उसे घर ले गयी। होश में आने पर पीड़िता ने यह बातें अपने भाई व अन्य परिजनों से बतायी। पीड़िता के मुताबिक जिस व्यक्ति ने उसके साथ दुष्कर्म किया वह उसके मायके के गांव के रहने वाले राधे का रिश्तेदार है। जिसे बुलाकर पीड़िता से पहचान करायी गयी तो पीड़िता ने राधे के उसी रिश्तेदार के जरिये ही दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने की बात बतायी। फिलहाल उसका कहना है कि पहचान करते ही अंधेरे का फायदा उठाकर आरोपी वहां से भाग गया। जिसके उपरांत आरोपी दिनेश वर्मा पुत्र रामपाल निवासी उमरावां भीटी अम्बेडकर नगर के खिलाफ केस दर्ज कराने की मांग को लेकर कोर्ट में अर्जी दी। अर्जी पर सुनवाई के पश्चात सीजेएम ने दोस्तपुर थानाध्यक्ष से रिपोर्ट तलब की तो पुलिस के जरिये यह तथ्य सामने लाया गया कि जिस व्यक्ति को अंजान बताकर पीड़िता के जरिये दुष्कर्म का आरोप लगाया गया है,उसी के साथ ही अभियोगिनी ने 22 जुलाई 2016 को विवाह किया है। जिसके सम्बन्ध में नोटरियल विवाह के कागजात भी पेश किये आैर पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में आरोपी को 22 सितम्बर 2018 को दिल्ली से दक्षिण अफ्रीका के लिए डिपार्चर होने का जिक्र किया। फिलहाल सीजेएम आशारानी सिंह ने इस घटना के संबंध में कोर्ट के समक्ष आये तथ्यों के आधार पर विवेचना के लिए पर्याप्त आधार पाते हुए बीते 24 जनवरी को आरोपी दिनेश वर्मा के खिलाफ दुष्कर्म समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कर तफ्तीश के लिए दोस्तपुर थानाध्यक्ष को आदेशित किया। हालांकि सीजेएम कोर्ट में पेश की गयी अर्जी में पीड़िता ने आरोपी को अपने पति होने का जिक्र न करते हुए एक अंजान व्यक्ति की तरह ही पहचान छिपाते हुए पेश किया,जिसके चलते उसके कथन को संदेह की नजर से देखा जा रहा है। सीजेएम कोर्ट के इस आदेश को दक्षिण अफ्रीका में रह रहे आरोपी दिनेश वर्मा के पिता रामपाल ने जिला जज की अदालत में चुनौती दी। जिस पर सुनवाई के दौरान निगरानीकर्ता रामपाल के अधिवक्ता अच्छेराम यादव ने जिला जज की कोर्ट को बताया कि घटना के समय दिनेश वर्मा को बाहर होने के बावजूद मिथ्या तर्कों के आधार पर कथित पीड़िता ने सीजेएम कोर्ट से गलत आदेश पारित करा लिया है,जबकि जिस पर दुष्कर्म का आरोप लगाया गया है वह कोई अंजान व्यक्ति नहीं बल्कि अभियोगिनी का पति ही है,साथ में यह भी बताया कि दिनेश वर्मा के तीन बच्चे हैं जिसकी पहली पत्नी से विवाह विच्छेद हो जाने के बाद अभियोगिनी से दिनेश वर्मा ने दूसरी शादी की आैर अपने पति धर्म का निर्वाह्न भी करता रहा। आरोप है कि अभियोगिनी के मायके वाले दिनेश वर्मा पर दबाव बनाकर अपने ढंग से चलाना चाहते थे आैर उसके माता-पिता से अलग रखकर कहीं दूर रहने के लिए दबाव बना रहे थे। यह भी कहना है कि बच्चों की परवरिश करने में भी अभियोगिनी का मन नहीं लगता था,अक्सर अभियोगिनी के घर वाले रुपयों की भी मांग करते थे, दिनेश वर्मा के घर वालों की गैर मौजूदगी में अभियोगिनी पर काफी सामान लेकर घर से भाग जाने का भी आरोप है। जिसके संबंध में दिनेश वर्मा के पिता ने संबंधित अदालत में केस भी दायर किया है। निगरानी कर्ता रामपाल की तरफ से अभियोगिनी को दिनेश वर्मा की पत्नी होने के संबंध में परिवार रजिस्टर की नकल समेत अन्य अभिलेख भी दाखिल किये गये हैं। वहीं अभियोजन पक्ष ने सीजेएम कोर्ट के जरिये पारित आदेश को सही ठहराया। उभय पक्षों को सुनने के पश्चात जिला जज तनवीर अहमद ने कहा कि सीजेएम का आदेश उस समय सामने आये तथ्यों के आधार पर जायज है,इसलिए उसे निरस्त किया जाना उचित नहीं है,लेकिन जिला जज ने यह निर्देशित किया कि विवेचक आरोपी दिनेश वर्मा के बीजा व पासपोर्ट समेत अन्य बिंदुओं पर जांच कर घटना के समय दक्षिण अफ्रीका अथवा अन्य जगह पर होने एवं अभियोगिनी को आरोपी दिनेश वर्मा की पत्नी होने से जुड़े सबूतों के विषय पर ढंग से जांच कर संबंधित न्यायालय को रिपोर्ट प्रेषित करे। अदालत ने निगरानीकर्ता रामपाल को इस जांच में सहयोग कर सबूत उपलब्ध कराने के लिए आदेशित किया है। जिला जज ने अपने आदेश में कहा कि जांच में अगर मामला झूठा पाया गया तो अभियोगिनी के खिलाफ भादवि की धारा-182 के अंतर्गत कार्यवाही कर कोर्ट को अवगत कराया जाय।