रायबरेली-उफ़ ये गर्मी ! ऊपर से बिजली की कटौती, उपभोक्ता परेसान

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उफ़ ये गर्मी ! ऊपर से बिजली की कटौती, उपभोक्ता परेसान

रिपोर्ट-हिमांशु शुक्ला

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रायबरेली। मई का महीना और सूरज तपिश से हर कोई परेशान है। ऐसे में बिजली की आंखमिचौली से कूलर, पंखे, फ्रिज आदि विद्युत उपकरण शोपीस बनकर रह गए हैं। इस समय ग्रामीण क्षेत्र में जिस तरह बिजली आपूर्ति का शेड्यूल जारी किया गया है, उससे करीब साढ़े तीन लाख उपभोक्ताओं को बिजली संकट से जूझना पड़ रहा है। बिजली की समस्या से एक तरफ जहां खेती का काम प्रभावित हो रहा है तो दूसरी ओर भीषण गर्मी में लोगों की नींद हराम हो रही है। उपभोक्ताओं ने दिन और रात में बिजली आपूर्ति की मांग की है।

गौरतलब है कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर जिले में 10 अप्रैल से शहर से लेकर गांवों तक 24 घंटे बिजली आपूर्ति का शेड्यूल जारी किया गया था। ये शेड्यूल 20 मई तक लागू रहा। 21 मई को 18 घंटे बिजली आपूर्ति का शेड्यूल लागू कर दिया गया। शेड्यूल के हिसाब से अधिकांश ग्रामीण इलाकों में उपभोक्ताओं को अपराह्न 03:45 बजे से दूसरे दिन सुबह 09:45 बजे तक विद्युत आपूर्ति होगी।जबकि शेष ग्रामीण इलाकों में शाम 04:45 बजे से दूसरे दिन सुबह 08:15 बजे तक आपूर्ति होगी। फिर 11:15 बजे से दोपहर 01:45 बजे तक आपूर्ति होगी, मगर हर जगह सुबह आठ बजे बिजली काट दी जाती है। फिर शाम को चार बजे बिजली आती है। इतना ही नहीं रात में कई बार घंटों बिजली कटौती की जाती है। कभी तार टूटने से तो कभी रोस्टिंग होने से घंटों बिजली आपूर्ति बंद रहती है। ये हाल तब है, जब किसानों को धान की नर्सरी डालनी है, ताकि समय पर धान की रोपाई की जा सके। इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों के करीब साढ़े तीन लाख उपभोक्ताओं को बिजली की समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है।

इनसेट

“बिजली आपूर्ति का शेड्यूल उच्चाधिकारी तय करते हैं। जिस शेड्यूल से आपूर्ति करने का मैसेज मिलता है, उसी हिसाब से आपूर्ति की जाती है। लोकल स्तर पर कोई कटौती नहीं होती है।”
-अखिलेश कुमार यादव , एक्सईएन ट्रांसमिशन

” किसानों को पानी मुहैया कराने के लिए नहरों में पानी छोड़ा जा रहा है।किसान धान की नर्सरी डालना शुरू कर दें, ताकि समय से धान की रोपाई हो सके। बिजली की समस्या दूर कराने को लेकर पावर कॉर्पोरेशन के अफसरों से बात की जाएगी। ”
-रविचंद्र प्रकाश जिला कृषि अधिकारी, रायबरेली