अम्बेडकरनगर–लोकसभा सीट भाजपा सरकार के प्रतिष्ठा से जुड़ी गठबंधन प्रत्याशी ने की घेराबंदी
अम्बेडकरनगर लोकसभा सीट भाजपा सरकार के प्रतिष्ठा से जुड़ी गठबंधन प्रत्याशी ने की घेराबंदी
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मनोज तिवारी संवाददाता के डी न्यूज़ चैनल अयोध्या
8 मई 2019
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12 मई का दिन ज्यो ज्यो नजदीक आ रहा है त्यों त्यों राजनैतिक दलों के सूरमाओं की धड़कने तेज होने लगी है।इस सीट पर अब तक चुने गये जनप्रतिनिधियो पर एक नजर कौन कितनी बार इस सीट पर किया है रहनुमाई। देश में 25 जून 1975 को आपातकाल लगा था। उसके बाद 1977 में छठा आम चुनाव तत्कालीन अकबरपुर सुरक्षित (वर्तमान में अम्बेडकरनगर) संसदीय सीट के लिए बेहद खास था। इस चुनाव में बना वोटों का रिकार्ड आज तक नहीं टूट सका।
पहले के अकबरपुर और अब के अम्बेडकरनगर संसदीय सीट पर अब तक कुल 16 आम चुनाव और दो उप चुनाव हुए हैं। इसमें 1977 का ऐसा चुनाव था, जब किसी प्रत्याशी को सबसे बड़ी जीत मिली थी। इस चुनाव में भारतीय लोकदल (बीएलडी) के मंगलदेव विशारद को अकेले 78.03 फीसद वोट मिले थे। इस आंकड़े को अभी तक कोई भी छू नहीं पाया है। तीन बार निर्वाचित हुईं बसपा मुखिया मायावती भी इस आंकड़े नहीं छू सकीं।
1977 के चुनाव में बीएलडी के मंगलदेव विशारद का मुकाबला कांग्रेस के तत्कालीन विधायक रामजी राम से था। कुल तीन प्रत्याशियों ने इस चुनाव में ताल ठोकी थी। तीसरे प्रत्याशी इंडियन लोकदल के पलटूराम थे। रामजी राम को 19.23% और पलटूराम को 2.75 % मत मिले थे। छठी लोकसभा के चुनाव में कुल मतदाता 6,26,897 थे। 49.82% यानी 3,17,828 लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया था। कुल वैध मत 3,09,439 थे। इसमें बीएलडी के मंगलदेव विशारद को 2,81,082 और कांग्रेस के रामजी राम को 69,256 और आईएनडी के पलटूराम को 9803 मत मिला था। इस तरह 2,11,826 मत से मंगलदेवचुनाव जीते थे।
वैध मतों में 50% से अधिक मत पाने का भी रिकार्ड
तबके अकबरपुर और अबके अम्बेडकरनगर संसदीय सीट पर पड़े और वैध मतों का आधे से अधिक मत बटोरने का भी रिकार्ड मंगलदेव विशारद के नाम है। उन्होंने 1971 में 61.57% वोट पाकर सांसद चुने गए रामजी राम का रिकार्ड तोड़ा था। उन्हें 1977 में वैध मतों का 78.03% मत मिले थे। अपवाद स्वरूप केवल 50% यानि वैध मतों का आधा भी किसी अन्य सांसद निर्वाचित होने वालों को नहीं मिला है। इस तरह से 50% से अधिक मत बटोरने का भी रिकार्ड मंगलदेव विशारद के ही नाम है।
विजयी प्रत्याशी को कितने फीसदी मत मिले
वर्ष विजेता मिले मत मत प्रतिशत
1951 पन्नालाल 1,30,002 24.69%
1957 पन्नालाल 1,17,355 19.08%
1962 पन्नालाल 80,727 39.28%
1967 जगजीवन राम 99,198 36.70%
1971 रामजी राम 1,33,758 61.57%
1977 मंगलदेव विशारद 2,81,082 78.03%
1980 रामअवध 1,33,607 36.52%
1984 रामपियारे सुमन 1,94,148 44.69%
1989 रामअवध 2,16,807 42.22%
1991 रामअवध 1,33 069 27.04%
1996 घनश्याम चन्द्र खरवार 1,99,765 32.06%
1998 मायावती 2,63,561 35.17%
1999 मायावती 2,59,762 35.16%
2004 मायावती 3,25,019 43.82%
2009 राकेश पांडेय 2,59,487 17.36%
2014 हरिओम पांडेय 4,32,104 41.77
अब 2019 के लोकसभा चुनाव में इस बार इस सीट पर सियासी नजारा कुछ अलग ही दिखाई दे रहा हैं।
भाजपा ने मुकुट बिहारी वर्मा को चुनावी समर में उतारकर पिछड़ा कार्ड खेला हैं। जिसमें पार्टी ने कुर्मी स्वजातीय मतों के अलावा ठाकुर, बनिया ,ब्राह्मण सहित अन्य जातिये मतों पर दांव लगा जीत की तरफ भरोसा जताया हैं वही सपा बसपा से गठबंधन प्रत्त्याशी जलालपुर बिधायक व पूर्व बसपा सांसद शराब कारोबारी राकेश पांडेय के पुत्र रितेश पांडेय पर पार्टी ने दाव लगाया है। कौन बनेगा संसद का शहंशाह दोनो प्रत्त्याशियो में जीत को लेकर काटे की टक्कर में मतदाताओ की चुप्पी ने सबको हैरत में डाल रक्खा है सबकी निगाहें आगामी 12 मई को होने वाले मतदान की तरफ लगी है।