अमेठी।इंटक नेता आशीष पाण्डेय ने की पत्रकार वार्ता कहा लाल इमली कर्मचारियों का 20 महीने का वेतन दे

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अमेठी।इंटक नेता आशीष पाण्डेय ने की पत्रकार वार्ता कहा लाल इमली कर्मचारियों का 20 महीने का वेतन दे

चंदन दुबे की रिपोर्ट

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इंटक नेता आशीष पाण्डेय ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी लाल इमली कंपनी के मजदूरों को 20 महीने का वेतन दे।लाल इमली कानपुर एंव धारीवाल के मजदूरो को वेतन न देने वाली कपडा मंत्री स्मृति ईरानी से मांग की जाती है कि वे रोज टीबी पर पूरे देश के मामलो मे प्रतिक्रिया देने के स्थान पर जिस कपडा मंत्रालय की मंत्री है उसे देखे और मजदूरो को 20 महीने का बेतन दे। यह मांग इंटक नेता एंव लालइमली यूनियन के संयोजक आशीष पाण्डेय ने आज अमेठी मे की।वेतन के अभाव मे पिछले पाँच मे 36 मजदूरो और 5 परिवार के सदस्यो की मौते हो गई है मृतक मजदूर की विधवा पत्नियो ने कहा कि समय से वेतन न मिलने से मजदूरो की बिमारी का अच्छा इलाज नही हो सका दालरोटी के लिऐ भयानक संघर्ष है तब अच्छे डाक्टरो की फीस और दवाई कहा से लाते।

मजदूरो एंव मृतक मजदूरो की विधवा पत्नीयो ने कपडा मंत्री से अनुरोध किया है कि प्रधानमंत्री से बात करके उन्हे इच्छा मृत्यु दिला दे।

स्मृति ईरानी कहेगी तो प्रधानमंत्री इच्छामृत्यु मजदूरो को दे देगे।

इंटक नेता अजय सिंह ने घोषणा की यदि 20 महीने के बकाया वेतन का भुगतान एक सप्ताह मे नही किया गया तो 1 मई मजदूर दिवस पर वो अमेठी मे स्मृति ईरानी के कार्यालय के समक्ष आत्मदाह करेगे।

और इंटक नेता ने कहा हमारे कुछ प्रश्न है उसका भी जबाब दिया जाय

1.बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ
20 महीने से आपको वेतन नही मिलता तो क्या आप अपनी बेटी को पढ़ा पाती

2.सबका साथ सबका विकास
पांच साल से वेतन अभाव में लाल इमली के 36 मजदूरों और 5 परिवार के सदस्यों की मौत, क्या इसी को कहते है सबका साथ सबका विकास?

3.न खाऊंगा न खाने दूंगा (ईमानदार सरकार)

लाल इमली में उत्पादन शून्य अधिकारी यात्रा भत्ते के नाम ले गये 40 लाख
क्या इसी का मतलब है न खाऊंगा न खाने दूंगा

4.अच्छे दिन
पैसे के अभाव में बुजुर्ग मां-बाप का इलाज नही मजदूरों की पत्नियां अपने सुहाग का मंगलसूत्र बेच रही है परिवार की दो समय की रोटी के लिए, बच्चों की शिक्षा समाप्त हो रही है।

क्या यही है अच्छे दिन?
“मंत्री भी कभी मजदूर थीं”

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में ओ पी श्रीवास्तव, अजय सिंह, पुष्पा देवी कानपुर, कमलेश कुमारी, प्रभावती, रामशशी अवष्टि आदि मजदूर मौजूद रहे।